नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17-18 दिसंबर को गुजरात के सूरत और उत्तर प्रदेश के वाराणसी का दौरा करेंगे। 17 दिसंबर को सुबह करीब 10:45 बजे प्रधानमंत्री सूरत एयरपोर्ट पर नई एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री सुबह करीब 11:15 बजे सूरत डायमंड बोर्स का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वह वाराणसी जाएंगे और करीब साढ़े तीन बजे वह विकसित भारत संकल्प यात्रा में भाग लेंगे। शाम करीब 5:15 बजे वह नमो घाट पर काशी तमिल संगमम 2023 का उद्घाटन करेंगे।
18 दिसंबर को सुबह करीब 10:45 बजे प्रधानमंत्री स्वर्वेद महामंदिर जाएंगे, इसके पश्चात करीब 11:30 बजे एक सार्वजनिक समारोह में इसका उद्घाटन किया जाएगा। दोपहर करीब 1 बजे प्रधानमंत्री विकसित भारत संकल्प यात्रा में भाग लेंगे। इसके बाद, एक सार्वजनिक समारोह में, लगभग 2:15 बजे, प्रधानमंत्री 19,150 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।
सूरत में प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री सूरत हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे। टर्मिनल भवन व्यस्त घंटों के दौरान 1200 घरेलू यात्रियों और 600 अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को संभालने की क्षमता रखता है और इसमें सर्वाधिक व्यस्त घंटों के दौरान की क्षमता को 3000 यात्रियों तक बढ़ाने का प्रावधान है, साथ ही वार्षिक प्रबंधन क्षमता 55 लाख यात्रियों तक बढ़ रही है। टर्मिनल भवन एक तरह से सूरत शहर का प्रवेश द्वार है, इसलिए इसे स्थानीय संस्कृति और विरासत के साथ डिजाइन किया गया है, यह सुनिश्चित करते हुए कि यहां आने वाले आगंतुकों के लिए आंतरिक और बाहरी दोनों संस्कृतियों का प्रतिबिंब देखने को मिले और उनमें स्थानीय स्थल के प्रति आकर्षण का भाव उत्पन्न हो। अत्याधुनिक टर्मिनल भवन के अग्रभाग को इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि सूरत शहर के ‘रांदेर’ क्षेत्र के पुराने घरों की समृद्ध और पारंपरिक लकड़ी के काम का समृद्ध अनुभव यात्रियों के मिल सके। जीआरआईएचए IV के अनुरूप हवाई अड्डे का नया टर्मिनल भवन डबल इंसुलेटेड रूफिंग सिस्टम, ऊर्जा बचत के लिए कैनोपी, गर्मी को कम करने वाली डबल ग्लेज़िंग यूनिट, वर्षा जल संचयन, जल उपचार संयंत्र, सीवेज उपचार संयंत्र और भूनिर्माण और सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए पुनर्नवीनीकरण जल के उपयोग के अलावा अन्य दूसरी सुविधाओं से सुसज्जित है।
प्रधानमंत्री सूरत डायमंड बोर्स का भी उद्घाटन करेंगे। यह अंतरराष्ट्रीय हीरे और आभूषण कारोबार के लिए दुनिया का सबसे बड़ा और आधुनिक केंद्र होगा। यह कच्चे और पॉलिश किए गए हीरों के साथ-साथ आभूषणों के व्यापार का एक वैश्विक केंद्र होगा। आयात-निर्यात के लिए एक्सचेंज में अत्याधुनिक ‘सीमा शुल्क निकासी गृह’, खुदरा आभूषण व्यवसाय के लिए आभूषण मॉल और अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग और सुरक्षित वॉल्ट की सुविधा इसमें शामिल होगी।