यूपी के फिरोजाबाद में अवैध शराब से मौतों के मामले में पुलिस और आबकारी के कर्मियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है. तीन साल पुराने इस मामले में दारोगा सहित 9 लोगों पर अब भ्रष्टाचार का मुकदमा चलेगा. दरअसल, 2020 में थाना खैरगढ़ इलाके में अवैध शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी और आबकारी विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. आरोप था कि इन दोनों विभाग के कर्मी शराब माफिया की मदद कर रहे थे. विभागीय जांच में ये सच पाएगा.
बता दें कि फिरोजाबाद की थाना खैरगढ़ इलाके में शराब पीने से 2020 में तीन लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में अब विजिलेंस विभाग ने जांच के उपरांत तत्कालीन थाना प्रभारी और आबकारी विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. जांच में बताया गया कि दोनों विभाग के कर्मी शराब माफिया की मदद कर रहे थे, जिस कारण यह घटना हुई.
जानिए पूरा मामला
घटना 17 नवंबर 2020 की है, जब खैरगढ़ थाने के शेखूपुर गांव में अवैध शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई थी. दिवाली से पहले हुई इस घटना से प्रशासन में हड़कंप मच गया था. लेकिन उस समय पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया था. आबकारी सचिव के निर्देश के बाद भी अवैध शराब की बिक्री के खिलाफ कोई अभियान भी नहीं चलाया गया था
शराब माफिया से रिश्वत लेते थे पुलिसवाले
शासन के निर्देश पर इस घटना की जांच एसपी फिरोजाबाद के आदेश पर सीओ सिटी एवं अपराध शाखा ने की थी. जिसकी अब विस्तृत रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को भेजी गई है, जिसमें कहा गया है कि उस समय के एसओजी प्रभारी कुलदीप सिंह तथा उनकी टीम के सदस्य रविंद्र कुमार, भगत सिंह, नदीम खान और राहुल यादव को शराब माफिया रिश्वत देता था. जिस कारण अवैध शराब माफिया पनपते रहे. आर बाद में ये घटना हो गई.
इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
इस मामले में थाना खैरगढ़ प्रभारी मुस्तकीम अली, एसओजी प्रभारी कुलदीप सिंह (वर्तमान में बरहन थाना इंचार्ज), बीट उप निरीक्षक विजेंद्र सिंह, बीट आरक्षी संजीव कुमार, जसराना के आबकारी निरीक्षक तृतीय राजकुमार, आरक्षी रविंद्र कुमार , भगत सिंह, नदीम खान और मुख्य आरक्षी राहुल यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है