लखनऊ। बसपा सरकार में ताकतवर रहे पूर्व आईपीएस अफसर के साथ निजी कंपनी के अवैध कब्जे पर बुधवार को बुलडोजर चलाकर एलडीए ने 35,000 वर्गमीटर जमीन मुक्त करा ली। गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर-7 में शहीद पथ से सटी इस जमीन की कीमत 200 करोड़ रुपये बताई जा रही है। उपाध्यक्ष डाॅ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि अमर शहीद पथ गोमतीनगर विस्तार योजना के तहत वर्ष 2000-2001 में ग्राम-अरदौनामऊ की भूमि का अधिग्रहण किया गया था। इसमें से पुलिस मुख्यालय, शहीद पथ के पास एनडीआरएफ को जमीन आवंटित की गई थी।
पुलिस मुख्यालय और बन रहे बंधे के बीच 35,000 वर्गमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया गया था। यह कब्जा अंटलिया आर्गेनिक्स प्रा.लि. के निदेशक व कंपनी से जुड़े अन्य लोगों ने किया। कंपनी ने दावा किया कि वह जमीन खसरा नंबर-315 की है। जबकि जांच में पाया गया कि कब्जा किया गया 35,000 वर्गमीटर एलडीए के अधिग्रहण वाली जमीन का हिस्सा था। कंपनी जो दावा कर रही थी वह जमीन गोमती नदी में समाहित पाई गई। अवैध कब्जा की गई जमीन का संबंध पूर्व आईपीएस अफसर से भी है।
जमीन खाली करने के लिए भेजा गया था नोटिस
एलडीए ने अवैध कब्जेदारों को जमीन खाली करने के लिए नोटिस भेजा था। पर, कोई जवाब नहीं दिया गया। इस पर अभियान चलाकर जमीन खाली कराने के आदेश दिए गए थे। बुधवार को अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा के नेतृत्व में नजूल अधिकारी अरविंद त्रिपाठी, जोनल अधिकारी शशिभूषण पाठक व अधिशासी अभियंता अजीत कुमार ने बुलडोजर चलवाकर बाउंड्रीवॉल, गार्ड रूम समेत अन्य अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिए। अवैध निर्माण ढहाने के बाद एलडीए के स्वामित्व का बोर्ड लगा दिया गया।