राजस्थान। राजस्थान में मुख्यमंत्री, दो उप मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष के लिए नाम तय करते समय भाजपा ने जातिगत समीकरण को साधने की पूरी कोशिश की है। ब्राह्मण भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री, राजपूत दीया कुमारी और दलित प्रेमचंद बैरवा को उप मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने सामान्य वर्ग के साथ दलित वोट बैंक को भी साधने की कोशिश की है। वासुदेव देवनानी को विधानसभा अध्यक्ष बनाकर भाजपा के परंपरागत सिंधी वोट बैंक में संदेश देने की कोशिश की गई है।
राजनीति के जानकारों का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए 33 साल बाद किसी ब्राह्मण नेता को मुख्यमंत्री बनाया गया है। शर्मा से पहले कांग्रेस से हरिदेव जोशी तीन बार 1973 से 1977 तक, 1985 से 1988 तक और फिर 1989 से 1990 तक मुख्यमंत्री रहे थे। प्रदेश में ब्राह्मण 13 प्रतिशत हैं। ब्राह्मण समाज लंबे अर्से से सत्ता में अधिक भागीदारी को लेकर भाजपा और कांग्रेस नेतृत्व तक संदेश पहुंचाता रहा है।
भाजपा ने ब्राह्मण वोट बैंक को साधने के लिए चुनाव से पहले सांसद सीपी जोशी को पार्टी का प्रदेशाध्यक्ष बनाया और अब ब्राह्मण भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बना दिया है। इसी तरह करीब 17 प्रतिशत दलित वोट बैंक को साधने के लिए बैरवा को उप मुख्यमंत्री बनाकर लोकसभा चुनाव में जीत का रास्ता सरल करने की कोशिश की गई है।
दीया कुमारी को भी उप मुख्यमंत्री बनाकर करीब छह प्रतिशत राजपूत वोट बैंक को पार्टी के साथ मजबूती से जोड़े रखने की रणनीति पर काम किया गया है। देवनानी को विधानसभा अध्यक्ष बनाकर सिंधी समाज में यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि पार्टी का यह परंपरागत वोट बैंक उसके लिए हमेशा जरूरी है। ऐसे में चारों जातियों को साधकर लोकसभा चुनाव में जीत की राह आसान करने की रणनीति पर काम किया गया है
शपथ ग्रहण के मौके पर सभा को पीएम संबोधित करेंगे
राजस्थान के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में भजनलाल शर्मा शुक्रवार को सुबह 11:15 बजे शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह के मौके पर एक बड़ी सभा जयपुर के अल्बर्ट हाल पर होगी। शर्मा के साथ उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा भी शपथ लेंगे।
शर्मा सरकारी विश्राम गृह में शिफ्ट
सीएम भजनलाल को परिवार सहित बुधवार सुबह उनके फ्लैट से विश्राम गृह में शिफ्ट किया गया है।
पहले चरण में बनाए जा सकते हैं 15 मंत्री
200 सदस्यीय विधानसभा में इस बार 199 सीटों पर चुनाव हुए हैं। एक सीट पर पांच जनवरी को मतदान होगा। कुल सदस्यों के 15 प्रतिशत मंत्री बनाए जा सकते हैं। इस लिहाज से सरकार में 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार पहले चरण में करीब 15 मंत्री बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है। इनमें लोकसभा चुनाव के लिहाज से जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण साधने की कोशिश की जाएगी।
मंत्रिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खेमे के तीन से चार विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, चुनाव प्रभारी केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम के बीच मंत्रियों के नामों को लेकर मंथन हुआ। शाह व नड्डा की अनुमति के बाद संभावित मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा।