बाराबंकी। दिसंबर का महीना शुरू होते ही सर्दी ने अपना असर दिखना शुरू कर दिया है। जिसमें भोर में और देर रात पारा 15 के करीब आने पर कड़ाके की ठंड का एहसास होता है। ऐसी हालत में सड़कों और रेलवे स्टेशन समेत के सार्वजनिक जगहों पर खुले आसमान के नीचे रात गुजरने वाले लोग मुश्किल में है। इन सब के बावजूद जिला प्रशासन व तहसील प्रशासन ने अब तक आलो और रेनबोसरों की कोई व्यवस्था नहीं की है। जबकि जनपद घर में प्रत्येक वर्ष सैकड़ो जगह पर अलाव व मुख्य जगहों पर अस्थाई रैन बसरे का निर्माण किया जाता है। मगर इस बार नगर पालिका व संबंधित तहसील प्रशासन अब तक आलाव व रैन बसेरों की व्यवस्था नहीं कर सका है। जिसकी वजह से सड़कों पर बेसहारा लोगों की रात मुश्किल से कट रही है। ग्रामीण इलाकों का भी ऐसा ही हाल है। यहां मुख्य चौराहों पर जलने वाले अलाव अभी नहीं लगाए गए है। जिससे भोर और देर रात में आने जाने वाले राहगीर सहित आम आदमी सर्द हवाओं सहित कड़ाके की ठंड का सामना कर रहे है। ऐसे में लोग चौराहों के आसपास पड़े कूड़े व लड़कियों की मदद से आग जलाकर ठंड दूर करने का प्रयास करते है।