नई दिल्ली। भारत सरकार ने सिख अलगाववादियों के खिलाफ गोपनीय पत्र (सीक्रेट मेमो) जारी करने की रिपोर्ट को रविवार को खारिज करते हुए इसे फर्जी और मनगढ़ंत बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह रिपोर्ट भारत के खिलाफ निरंतर दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा है।
सिख अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट फर्जी
एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि हरदीप सिंह निज्जर सहित कुछ सिख अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अप्रैल में नई दिल्ली ने उत्तरी अमेरिका में दूतावासों को गोपनीय पत्र जारी किया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा कि ऐसा कोई पत्र (मेमो) जारी नहीं किया गया है। ऐसी खबरें फर्जी और पूरी तरह से मनगढ़ंत हैं।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी फैला रही झूठ
बागची ने कहा कि जिस संस्थान ने यह रिपोर्ट जारी की है वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की ओर से फैलाए जाने वाले फर्जी नैरेटिव के प्रचार करने के लिए जाना जाता है।
ऑनलाइन अमेरिकी मीडिया द इंटरसेप्ट ने रिपोर्ट जारी की थी। गौरतलब है कि सितंबर में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 जून को खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता का आरोप लगाया था। भारत ने आरोपों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया था।
निज्जर की गुरुद्वारे के बाहर की गई थी हत्या
खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की इस साल जून में कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। निज्जर भारत में वांछित था, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उस पर नकद इनाम की घोषणा की थी। पंजाब के जालंधर के भारसिंहपुर गांव का रहने वाला निज्जर कनाडा के सरे में रहता था और एनआईए ने उसे ‘भगोड़ा’ घोषित कर दिया था।