बलिया। पुलिस अधीक्षक एसपी एस आनंद के साथ जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने शनिवार को जनपद के राजकीय बालगृहों (बालिका,बालक) का निरीक्षण कर वहां संचालित होने वाली सभी आवश्यक गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी ली और आवश्यक बिंदुओं पर दिशा निर्देश दिए।
राजकीय बालगृह(बालिका),निधरिया बलिया की अध्यक्षिका मधु सिंह ने बताया कि यहां पर वर्तमान में कुल 84 बच्चियां रहती हैं। यहां 10 से 18 साल की बच्चियां हैं। जिलाधिकारी ने पूछा कि बीमार बच्चियों और उनकी शिक्षा के लिए क्या व्यवस्था है तो अध्यक्षिका ने बताया कि कक्षा 1 से 8 तक बेसिक शिक्षा विभाग से पढ़ाने के लिए एक शिक्षिका नियुक्त की गई है दो और शिक्षकों की जल्द तैनाती होने वाली है। बीमार बच्चियों के लिए सुबह शाम बारी बारी से दो नर्स आती हैं। बताया कि बालगृह की सुरक्षा के लिए 6 महिला और 6 पुरुष होमगार्ड लगाए गए हैं और बच्चियों के रहने वाले कक्ष में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। रात्रि में 8:00 बजे भोजन करने के बाद गेट बंद कर दिया जाता है।बच्चियों के कौशल प्रशिक्षण के लिए कौशल विभाग को पत्र भेजा गया है।
जिलाधिकारी ने अध्यक्षिका से पूछा कि इनके फैमिली वालों को किस आधार पर मिलने दिया जाता है, तो अध्यक्षिका ने बताया कि घर जाने वाली बच्चियों का काउंसलिंग किया जाता है।यहां पर नियुक्त काउंसलर द्वारा काउंसलिंग के बाद अगर परिवार वालों को मिलना है तो बाल कल्याण समिति के पास आवेदन देना पड़ता है, उसके बाद बाल कल्याण समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही उनके परिवार वालों से मिलने दिया जाता है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि किसी को भी स्वतंत्र रूप से नहीं मिलने दिया जाना चाहिए, मिलने वाले परिवारों के नाम रजिस्टर में दर्ज होना चाहिए।
शिकायत रजिस्टर के बारे में पूछने पर अध्यक्षिका ने बताया कि शिकायत और सुझाव रजिस्टर बनाया गया है जिसे प्रत्येक माह देखा जाता है और उसी के आधार पर काउंसलिंग की जाती है। जिलाधिकारी ने बच्चियों के सोने/रहने वाले कमरे में जाकर उनसे, के लिए रजाई कंबल, शुद्ध पेयजल सहित अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी कर आश्वस्त हुए।
जिलाधिकारी ने रसोई घर में जाकर बनने वाले भोजन की गुणवत्ता को परखा और मेन्यू के अनुसार नाश्ता और भोजन समय से देने का निर्देश दिया।
इसी प्रकार जिलाधिकारी ने देवराज ग्रामीण ग्रामोदय सेवा संस्थान द्वारा संचालित बालगृह (बालक) पहिया,फेफना का भी निरीक्षण किया और मां के बच्चों को काउंसलिंग कर जिस राज्य व जिले से संबंधित गांव के बच्चे हो, मेरे माध्यम से वहां के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर बच्चों को उनके घर पहुंचना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने बच्चों के सोने वाले कमरे, रसोई घर और ठंड में उनके लिए रजाई कंबल की व्यवस्था आदि के बारे में वहां के अध्यक्ष जानकारी ली।
इसके बाद जिलाधिकारी ने संस्कार सेवा समिति द्वारा संचालित खुला आश्रय गृह (बालक), चंद्रशेखर नगर बलिया का भी निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान डीपीओ मोहम्मद मुमताज मौजूद थे।