सूरतगंज बाराबंकी। कोरोना काल से लेकर अब तक बाराबंकी का आदिकालीन प्रसिद्ध तीर्थ स्थल लोधेश्वर महादेवा चर्चा में बना हुआ है। और चर्चा में हो भी क्यों न क्योंकि सनातनियों के आस्था का केंद्र लोधेस्वर महादेवा में प्रत्येक सोमवार को हजारों हजार शिव भक्त जल अर्पण कर माथा टेककर भारतवर्ष की सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं।
कावड़ियों और शिवभक्तों का लोधेश्वर महादेवा में लगता है जमघट
उत्तर भारत में स्थित लोधेश्वर महादेव में श्रावण मास में उत्तर प्रदेश के उरई, जालौन, हमीरपुर, बांदा, औरैया, कानपुर, उन्नाव, सीतापुर,लखीमपुर, शाहजहांपुर, बहराइच,गोंडा,बलरामपुर, श्रावस्ती, रायबरेली आसपास के जनपदों से लाखों श्रद्धालु और कांवरिया शिवभक्त भगवान भोलेनाथ को गंगाजल अर्पित करते हैं। तो वहीं अगहन मास में लोधेश्वर में 7 दिनो तक महोत्सव सदियों से होता आ रहा है। जो इस बार महज तीन दिनों का ही होगा।
शिवभक्तों में आक्रोश
ज्ञात हो कि महादेवा महोत्सव बाराबंकी जिलाधिकारी की देखरेख में होता है अबकी बार 7 दिनों की बजाय महज 3 दिनों का ही रह गया है महादेवा महोत्सव। इस जानकारी के बाद साधु संतों को सहित लाखों शिव भक्तों में निराशा के साथ-साथ भारी आक्रोश व्याप्त है। शिवभक्तों ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकारों में महादेव महा महोत्सव पर कभी कोई असर नहीं आया परंतु इधर कई वर्षों से उत्तर प्रदेश में महंत श्री योगी आदित्यनाथ सरकार होने के बाद भी महादेवा महोत्सव पर ग्रहण लगा हुआ है। जो क्षेत्र में चर्चा के साथ शिवभक्तों में आक्रोश का कारण बना हुआ है। जानकारी के मुताबिक क्षेत्रीय विधायक फरीद महफूज की दवाई ने 7 के बजाय 3 दिनों का मेला करवाए जाने पर नाराजगी जताई थी। सूत्रों की माने तो संबंधित अधिकारियों से क्षेत्रीय विधायक ने बात भी की थी जिस पर संबंधित अधिकारियों ने स्थिति के अनुसार महोत्सव के दिनों बढ़ोत्तरी की बात कही है। हालांकि शिव भक्तों में इस दौरान काफी निराशा और आक्रोश देखने को मिल रहा है।