नई दिल्ली। शिक्षा क्षेत्र की प्रमुख डिजिटल कंपनी बायजू को विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के प्रविधानों के उल्लंघन मामले में ईडी ने 9,362.35 करोड़ का नोटिस भेजा है। हालांकि बायजू ने कहा है कि उसे अब तक कोई नोटिस नहीं मिला है। ईडी ने मंगलवार को कहा, फेमा के प्रविधानों के उल्लंघन के आरोप में बायजू और उसके सह-संस्थापक रवींद्रन बायजू को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
बायजू के मुख्य वित्तीय अधिकारी के किए गए बयान दर्ज
शिकायत में कहा गया है कि कंपनी ने कानून का उल्लंघन कर भारत के बाहर पैसे भेजे। इससे भारत सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ। ईडी ने बायजू की पंजीकृत कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड व उसके प्रमोटर रवींद्रन पर आरोप लगाने के लिए कई आधारों का उल्लेख किया है जिसमें कंपनी को मिले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को लेकर दस्तावेज दाखिल करने में देरी शामिल हैं। ईडी ने कहा, अप्रैल में बेंगलुरु में रवींद्रन के घर सहित तीन परिसरों में इस मामले में छापेमारी के बाद रवींद्रन और बायजू के मुख्य वित्तीय अधिकारी के बयान दर्ज किए गए थे।
बाइजू की दो कंपनियों की ली गई तलाशी
इसमें कहा गया है कि थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्राप्त विदेशी निवेश के संबंध में शिकायतें मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई। ईडी ने कहा कि जांच में पता लगा कि थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड और रवींद्रन ने फेमा के प्रविधानों का उल्लंघन किया है। जांच एजेंसी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रविधानों के तहत अप्रैल में बाइजू की दो कंपनियों और एक आवासीय परिसर की तलाशी ली थी।
विपणन खर्च में हुए लगभग 944 करोड़
इसमें बायजू की पंजीकृत कंपनी– थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल थी। ईडी ने अप्रैल में दावा किया था कि उसने कई दस्तावेज और डिजिटल डाटा जब्त किए हैं। आरोप लगाया गया था कि कंपनी (थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड) ने वित्त वर्ष 2020-21 से अपने वित्तीय विवरण तैयार नहीं किए हैं और खातों का आडिट नहीं कराया, जो अनिवार्य है। पता चला कि कंपनी को 2011-2023 के दौरान लगभग 28,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) प्राप्त हुआ। कंपनी ने इसी अवधि के दौरान विदेश में लगभग 9,754 करोड़ रुपये भेजे। ईडी ने आरोप लगाया, कंपनी ने विज्ञापन और विपणन खर्चों के नाम पर लगभग 944 करोड़ रुपये दिखाए हैं, जिसमें विदेश भेजी गई राशि भी शामिल है।