नई दिल्ली। ज्ञानवापी मामले पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार यानी आज सुनवाई करेगा। सर्वोच्च न्यायालय में सबसे पहले अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की विचार होने की उम्मीद है। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने मंदिर पक्ष के मुकदमे की सुनवाई योग्यता पर सवाल उठाया था।
मुस्लिम पक्ष ने पूजा स्थल कानून का किया था जिक्र
बता दें कि मस्जिद पक्ष ने मंदिर पक्ष के ज्ञानवापी परिसर में मां श्रृंगार गौरी और अन्य देवी-देवताओं के होने का दावा करते हुए उनकी पूजा-अर्चना के अधिकार मांगे जाने की याचिका को चुनौती दी थी। मस्जिद पक्ष का कहना था कि पूजा स्थल कानून के अनुसार, किसी भी धार्मिक स्थल का वही चरित्र रहेगा जो 15 अगस्त 1947 को था। धार्मिक स्थल का चरित्र नहीं बदला जा सकता। ऐसे में परिसर में देवी-देवताओं के होने और पूजा-अर्चना का अधिकार मांगने वाला मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि यह कानून उस पर रोक लगाता है।
कोर्ट ने बताया था साक्ष्य का विषय
गौरतलब है कि मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ कर रही है। मामले की पिछली सुनवाई कोर्ट ने कहा था कि 15 अगस्त 1947 को परिसर का धार्मिक चरित्र क्या था, यह साक्ष्य का विषय है। यह ट्रायल के दौरान साक्ष्य से तय होगा।