- तेज ध्वनि वाले पटाखों से बहरा होने का खतरा
- पटाखे के धुआं से आंखों को पहुंच सकता है नुकसान
बलिया। दीपावली पर्व पर पटाखे छोडऩे की परम्परा है। रात को शहर से लगायत ग्रामीणांचलों में भी पटाखे छोड़े जाते हैं। तेज ध्वनि के पटाखों से आसमान गुंजायमान हो जाता है। इससे बचने का प्रयास काफी जरूरी है, क्योंकि तेज ध्वनि पटाखे से कान का पर्दा फट सकता है। अगर पटाखे की आवाज 160 डीबी
(डेसीबल) से अधिक होता है तो इंसान के कान की हड्डियां भी टूट सकती है। जिससे इंसान जीवन भर के लिए बहरा भी हो सकता है। इसी प्रकार पटाखे के धुएं से आंखों को भी भारी नुकसान हो सकता है। हमारी खुशियों पर पानी फिर सकता है। ऐसे में थोड़ी सी सावधानी बरत कर नुकसान से बचा जा सकते है।
दीपावली की रात बच्चों द्वारा पटाखे फोड़ते समय सावधानी बरतनी चाहिए। बच्चों को फूलझड़ी, चरखी के अलावे कम क्षमता वाले अनार, रॉकेट आदि पटाखे ही फोडऩे चाहिए। बम या अन्य हाई डीबी ध्वनि वाले पटाखों से दूरी बना कर रखनी चाहिए। इंसान का 90 डीबी तक की ध्वनि नुकसानदायक नहीं होती है। इससे अधिक डीबी की ध्वनि कान के नुकसानदायक हो सकती है। बम या अन्य अधिक ध्वनि वाले पटाखे के आवाज से इंसान के कान को नुकसान पहुंच सकता है। वहीं 120 डीबी वाले पटाखे से कान का पर्दा तक फट सकता है। कान से धून भी निकल सकता है। वहीं अगर पटाखे की आवाज 160 या इससे अधिक होती है तो कान की हडिडयां भी टूट सकती है। जिससे इंसान जीवन भर के लिए बहरा भी हो सकता है। वहीं पटाखे से निकलने वाला धुआं भी काफी नुकसानदेह हो सकता है। धुएं में कार्बन डाई आक्साइड आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। आंखों में जलन पैदा हो सकती है। आंख का रंग लाल हो सकता है। ज्यादा मात्रा में गैस पहुंचने से आंखों की रोशनी पर भी असर पड़ सकता है। आंखों में धुआं न पहुंचे इसके
लिए सावधानी बरतनी चाहिए।
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160 डीबी पर टूट सकती हैं कान की हड्डियां: डा. मिथिलेश
बलिया। जनपद के माने जाने ईएनटी सर्जन डा. मिथिलेश सिंह ने बताया कि हाई डीबी वाले पटाखों से दूरी बनाकर रखना चाहिए। तेज ध्वनि वाले पटाखों से कान पर कुप्रभाव पड़ता है। इससे सुनने की क्षमता भी जा सकती है। खास कर बच्चों को आवाज वाले पटाखों से दूरी बनाना चाहिए। बताया कि इंसान के कान 90 डीबी तक की आवाज को बर्दास्त कर सकता ह़ै। इससे अधिक की ध्वनि कान के लिए नुकसानदायक होगी। कहा कि अचानक 160 डीबी की ध्वनि पर कान की हड्डी भी टूट सकती है।
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पटाखे के धुआं से आंखों में हो सकती है जलन: डा. बीपी सिंह
बलिया। जिला अस्पताल के वरिष्ठ आई सर्जन व पूर्व सीएमएस डा बीपी सिंह ने बताया
कि पटाखे के धुआं से आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। धुआं से आंख लाल हो सकती है। आंखों में जलन भी हो सकती है। बताया कि आंखों में धुआं जाने पर उसे तुरंत पानी से धोना चाहिए। ज्यादा परेशानी होने पर आंख में
एंटीबायोटिक डालना लाभप्रद होता है। कहा कि किसी तरह की परेशानी होने पर डाक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।
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दीपावली पर जिला अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्र अलर्ट
बलिया। दीपावली के मद्देनजर जिला अस्पताल समेत अन्य स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट कर दिया गया है। डाक्टरों की ड्यूटी लगा दी गई है। अस्पतालों में बेड आरक्षित कर दिया गया है। बर्न वार्ड में मरीजों की भर्ती करने की
व्यवस्थाकी गई है। दीपावली पर लापरवाही के कारण प्रत्येक साल बच्चे व बड़े दुर्घटना का शिकार हो जाते है। जिसका खामियाजा पूरे परिवार को भुगतना पड़ता है। वहीं खुशी की जगह गम हो जाता है।