हल्द्वानी: कुमाऊं मंडल में चाहे पहाड़ी जिला हो या फिर मैदानी, सभी जगह सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी है। मंडल में डॉक्टरों के करीब 500 पद स्वीकृत हैं। इनके सापेक्ष 180 डॉक्टर ही काम कर कर रहे हैं।
मैदानी क्षेत्रों जैसे हल्द्वानी, रुद्रपुर, काशीपुर, खटीमा, सितारगंज आदि शहरों में प्राइवेट अस्पतालों की सुविधाएं हैं। लोगों को महंगा इलाज मिलता है लेकिन इलाज मिल जाता है लेकिन पहाड़ी जिलों में प्राइवेट स्वास्थ्य सेवाएं भी नाममात्र की हैं। साथ ही सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी से मरीजों को रेफर करना पड़ता है।
इस वजह से पहाड़ में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से पटरी से उतरी हुई हैं। पहाड़ी जिलों में मौजूदा अस्पतालों में से मरीजों की गंभीर स्थिति होने पर उसे तुरंत ही मैदानी अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है। सबसे ज्यादा दिक्कत गर्भवती महिलाओं को आती है।
प्रसव के लिए महिलाओं को जब मैदानी शहरों के अस्पतालों में भेजा जाता है तब कुछ महिलाओं की जान तक चली जाती है। सरकार के कई दावों के बाद भी डॉक्टरों की कमी बरकरार है। पिछले 23 सालों में चाहें किसी भी पार्टी की सरकार रही हो लेकिन इस समस्या का समाधान किसी भी सरकार के पास नहीं है।
कुमाऊं मंडल में डॉक्टरों के स्वीकृत पद और तैनाती
जिला स्वीकृत पद तैनाती रिक्त
नैनीताल 173 72 101
अल्मोड़ा 110 40 70
यूएस नगर 106 30 76
पिथौरागढ़ 63 18 45
बागेश्वर 35 12 23
चंपावत 13 08 05
योग 500 180 320