मणिपुर सरकार ने असामाजिक तत्वों द्वारा हानिकारक संदेशों, फोटो और वीडियो के प्रसार को रोकने के लिए रविवार को मोबाइल इंटरनेट प्रतिबंध को 8 नवंबर तक बढ़ा दिया है।
मणिपुर सरकार ने एक बार फिर से मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिंबंध 8 नवंबर तक बढ़ा दिया है। मणिपुर सरकार ने असामाजिक तत्वों द्वारा हानिकारक संदेशों, फोटो और वीडियो के प्रसार को रोकने के लिए रविवार को बढ़ाया है। गृह आयुक्त टी. रणजीत सिंह ने एक अधिसूचना में कहा कि इस अधिक संभावना है कि कुछ असामाजिक तत्व जनता की भावनाओं को भड़काने वाली तस्वीरें, नफरत भरे भाषण और नफरत भरे वीडियो संदेश प्रसारित करने के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का उपयोग कर सकते हैं, जिससे मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।
3 मई से चल रही है हिंसा
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने हाल ही में संकेत दिया था कि सरकार अगले कुछ दिनों के भीतर प्रतिबंध वापस लेने पर विचार करेगी, जिसके बाद गृह विभाग ने दो सप्ताह से भी कम समय में मोबाइल इंटरनेट प्रतिबंध को तीन बार बढ़ाया। गौरतलब है कि 3 मई को गैर-आदिवासी मैतेई और आदिवासी कुकी समुदायों के बीच विनाशकारी जातीय हिंसा भड़कने के बाद पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
23 सितंबर को हटा प्रतिबंध तो हुई झड़प
मणिपुर में स्थिति सामान्य होने के बाद 23 सितंबर को प्रतिबंध हटा लिया गया था। इस प्रतिबंध के हटते ही एक लड़की सहित दो युवा लापता छात्रों के शवों की तस्वीरें ऐसी वायरल हुई कि सैकड़ों छात्रों की सुरक्षाबलों के साथ झड़प हो गई थी। उसके बाद 26 सितंबर को प्रतिबंध फिर से लागू करना पड़ा। इसके बाद से हर पांच दिन बाद प्रतिबंध बढ़ रहा है।