नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ इंसानों के बहुत से काम आसान हुए हैं। ओपनएआई के पॉपुलर चैटबॉट की ही बात करें तो चैटजीपीटी यूजर चैटबॉट से ह्यूमन लाइक टैक्ट्स जनरेट करवा सकता है।
एआई इंसानों की सुविधा तो बने हैं, लेकिन एआई से जुड़े खतरों को लेकर भी चिंताएं बढ़ी हैं। बहुत से ऐसे खतरें हैं जो एआई से जुड़े हैं। इस जोखिमों के साथ एआई इंसानों के लिए सुविधा से ज्यादा असुविधा बन रहा है।
एआई से जुड़े खतरे
सवाल ये उठता है कि एआई के जुड़े वे कौन-से जोखिम हैं, जिनकी वजह से इंसानों के जीवन जीने के तरीके पर असर पड़ सकता है।
एआई छीन लेगा लोगों से उनकी जॉब
ओपनएआई के चैटजीपीटी के बाद से एआई यूजर के लिए टैक्स्ट, इमेज और ऑडियो प्रोड्यूस करने की खूबियों के साथ आया है।
ऐसे में हर दूसरे इंटरनेट यूजर के जेहन में यही डर है कि एआई उनसे उनकी जॉब भी छीन सकता है। एआई को लेकर डर है कि वह इंसानों से बेहतर और तेज काम करने की कड़ी में कंपनियों की प्राथमिकता बन सकते हैं।
कॉपी कैट है एआई
एआई को कुछ इस तरह तैयार किया गया है कि यह ऑनलाइन डेटा में से यूजर के लिए सेकेंडों में काम की जानकारियां और इमेज खोज सकता है।
हालांकि, एक बड़ी संख्या में उपलब्ध इस डेटा में कुछ हिस्सा ऐसा है जो इंसानों द्वारा एक खास तरीके से तैयार किया गया है। एआई यूजर के इसी डेटा को इस्तेमाल कर अपने जवाब तैयार करता है, जिससे इसे कॉपी कैट का भी टैग मिलता है।
भ्रामक जानकारियों को फैलने का डर
एआई के साथ झूठी और गलत सूचनाएं फैलने का डर भी बना हुआ है। इंटरनेट पर ऐसी जानकारियां एआई की मदद से तेजी से प्रसारित की जा सकती हैं।
इतना ही नहीं, साइबर अपराधी एआई का गलत इस्तेमाल कर आम लोगों को ठगने का काम भी कर रहे हैं। ऐसे बहुत से उदाहरण सामने आ चुके हैं।
इंसानों के कंट्रोल से बाहर हो सकता है AI
टेक्नोलॉजी के जानकार मानते हैं कि एआई टेक्नोलॉजी भविष्य में और बेहतर हो सकती है। इतना ही स्मार्ट कंप्यूटर इस हद तक स्मार्ट हो सकते हैं कि इंसान भी इन पर अपना कंट्रोल खो सकते हैं। ऐसी स्थिति इंसानों के लिए किसी दुर्भाग्य से कम नहीं होगी।