कानपुर :- कानपुर देहात में रूरा थाना क्षेत्र के भौंरा गांव में शनिवार रात टेसू झुंझिया का विवाह देख रही नातिन, नानी व चचेरी नानी को बेकाबू कार ने कुचल दिया। नातिन व चचेरी नानी की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि नानी की हालत नाजुक है। उसे कानपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
शरद पूर्णिमा पर टेसू झुंझिया के विवाह के बाद लग्न शुरू हो जाती हैं। टेसू झुंझिया का विवाह धूमधाम से मनाने की परंपरा है। इसी को लेकर भौंरा गांव में शनिवार रात में रिंद नदी के पास टेसू और झुंझिया विवाह आयोजन हो रहा था। इसमें गांव के लोग काफी संख्या में शामिल थे।
महिलाएं व बच्चे भी मौजूद थे। रामकली (55) नातिन हिमांशी (4) के साथ गई थी। रामकली के देवर रामबली की पत्नी रामप्यारी (53) भी यहां टेस झुंझिया का विवाह देख रही थीं। टेसू की बरात में शामिल लोग नाच रहे थे। बरात में शामिल लोग पैदल चल रहे थे।
चालक कार लेकर फरार हो गया
इसी दौरान बेकाबू कार ने रामकली, हिमांशी व रामप्यारी को कुचल दिया। चपेट में आकर गांव की सविता भी घायल हो गई। हादसे के बाद बैंड़बाजे बंद हो गए। इधर चालक कार लेकर फरार हो गया। हादसे में मौके पर ही रामप्यारी व हिमांशी की मौत हो गई।
घायलों को कानपुर ले गए परिजन
गंभीर रूप से घायल रामकली को परिजन कानपुर ले गए। वहां निजी अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया है। घायल सविता के पति सुनील ने कानपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया है। इधर घटना की जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी कपिल दुबे, दरोगा शशिकांत यादव मौके पर पहुंचे।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट व तहरीर के आधार पर कार्रवाई
मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम हाउस भेजा। थाना प्रभारी ने बताया कि अभी परिजनों ने तहरीर नहीं दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट व तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। मामले में कार चालक की तलाश की जा रही है। जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
अनहोनी से खुशी में पड़ गया खलल
भौंरा में टेसू झुंझिया की शादी को लेकर खुशी का माहौल हादसे के बाद गम में बदल गया। परंपरा की औपचारिकता भर हुई। चचेरी नानी व नातिन की मौत और सगी नानी की हालत नाजुक होने से गांव में गम का माहौल है। मासूम हिमांशी की मौत से उसके ननिहाल पक्ष को गहरा झटका लगा है। हंसी खुशी के माहौल में इस तरह का जिंदगी भर का गम मिलेगा यह किसी ने सोचा न था। अभिमन्यु ने बताया कि पत्नी रामकली की हालत नाजुक है।
तीन साल से नाना के यहां रह रही थी हिमांशी
हिमांशी तीन साल से नाना के यहां भौंरा गांव में रह रही थी। वह आंगनबाड़ी में पढ़ने जाती थी। मृतका के नाना अभिमन्यु ने बताया कि हिमांशी एक साल की थी तो वह उसे ले आए थे। ननिहाल से लगाव की वजह से उसने कभी मां के यहां जाने की जिद नहीं की। वह पढ़ाई में कमजोर न रहे इसके लिए ट्यूशन भी लगवाया था। हिमांशी का मरा मुंह देखना पड़ेगा कभी सोचा न था। रुंधे गले से बताया कि पत्नी रामकली को हिमांशी के न रहने की जानकारी नहीं दी है।