इस्लामाबाद। कुर्रम आदिवासी जिले में विभिन्न स्थानों पर शनिवार को पांचवें दिन भी गोलीबारी की घटनाएं जारी रहीं। इस घटना में तीन और लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए। पाकिस्तान स्थित डॉन की रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है।
चल रही झड़पें बश्खेल, बोश्राह, पेवरहा, त्रि मेंगल, कंज अलीजई और अन्य क्षेत्रों सहित विभिन्न स्थानों पर सामने आईं। टकराव में शामिल समूहों के बीच भारी हथियारों का भी इस्तेमाल किया गया था।
अब तक 18 लोगों की मौत
डॉन के मुताबिक, सोशल मीडिया पर एक विवादास्पद वीडियो वायरल होने के बाद मंगलवार से हिंसक झड़पें शुरू हुईं, जिसमें 18 लोगों की जान चली गई और 35 अन्य घायल हो गए हैं। वीडियो की दोनों समूहों द्वारा कड़ी निंदा की गई और जिले में दो समूहों के बीच झड़पें शुरू हो गईं।
युद्ध विराम के लिए हो रही चर्चा
स्थानीय अधिकारियों ने जिले में सड़क बंद होने, परिवहन बंद होने और सेलुलर नेटवर्क सेवाओं के रुकने की सूचना दी। शैक्षणिक संस्थानों को भी अपने दरवाजे बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा। कुर्रम के डिप्टी कमिश्नर सैयद सैफुल इस्लाम ने समाचार एजेंसी डॉन को बताया, “युद्ध विराम के लिए प्रयास जारी है, हंगू और ओरकजई जिलों के जिरगा सदस्य मुद्दे को सुलझाने के लिए बातचीत में लगे हुए हैं।”ॉ
स्थानीय लोगों को हो रही परेशानियां
इस बीच, जिरगा सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी प्राथमिकता युद्ध विराम सुनिश्चित करना और क्षेत्र से बंकरों को साफ करना है। बाजार बंद होने के कारण स्थानीय निवासियों को रोजमर्रा की वस्तुओं की कमी का सामना करना पड़ा है। स्थानीय लोग सरकार से सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह कर रहे हैं।
पहले भी हुई कोशिश
गुरुवार को, स्थानीय बुजुर्ग और अधिकारी युद्धरत गुटों के बीच युद्ध विराम पर बातचीत करने के प्रयास में इकट्ठा हुए। हालांकि, यह प्रक्रिया तब बाधित हो गई जब लोअर कुर्रम के चारखेल इलाके में पुलिस की सुरक्षा में चल रहे दो वाहनों के एक काफिले पर हमला हो गया, जिसके परिणामस्वरूप चार लोगों की मौत हो गई और छह घायल हो गए।
एएनपी प्रांतीय अध्यक्ष ने किया आग्रह
अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) के प्रांतीय अध्यक्ष ऐमल वली खान ने कहा कि यह संघर्ष राजनीतिक हितों से प्रेरित प्रतीत होता है और उन्होंने कुर्रम में हथियारों की उत्पत्ति पर सवाल उठाया। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने स्थानीय बुजुर्गों और राजनीतिक नेतृत्व से हस्तक्षेप करने और क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।