बरेली:- जिले में हजारों लोग बुखार के भीषण प्रकोप से जूझ रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग में फिर भी कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई दे रही है। शनिवार को आधे दिन और रविवार को पूरे दिन का अवकाश रहने के बाद सोमवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में भारी भीड़ उमड़ी, तमाम लोग बुखार से पीड़ित थे लेकिन फिर भी डॉक्टरों और स्टाफ ने रामनवमी पर आधे दिन का अवकाश नहीं छोड़ा और मरीजों को हक्काबक्का और परेशान छोड़कर 12 बजे ही चलते बने
पर्चा काउंटर भी साढ़े 11 बजे ही बंद कर दिया गया। लाइनों में लगे मरीजों और तीमारदारों ने जब कारण पूछा तो बताया गया कि रामनवमी पर आधे दिन का अवकाश है। ओपीडी का स्टाफ भी ठीक 12 बजे उठ गया। इस दौरान डॉक्टरों के कक्ष के बाहर मरीजों की भीड़ लगी हुई थी। ज्यादातर मरीज बुखार पीड़ित थे और दूरदराज इलाकों से आए थे। उन्हें देखे बगैर डॉक्टर उठ गए। सैकड़ों मरीजों को बगैर इलाज के ही जिला अस्पताल से लौटना पड़ा। आधे दिन की ओपीडी में 710 मरीजों को डॉक्टरों ने देखा।
इमरजेंसी के बाहर आधे घंटे जमीन पर तड़पती रही बुखार पीड़ित महिला
स्वास्थ्य विभाग की संवेदनशून्यता की एक और बानगी दोपहर 12 बजे जिला अस्पताल में इमरजेंसी के बाहर दिखाई दी। चनेहटी गांव से आई शिवदेई यहां जमीन पर पड़ी तपड़प रही थीं लेकिन कोई उनका हाल पूछने वाला नहीं था। शिवदेई के साथ आईगीता ने बताया कि उन्हें तेज बुखार के साथ पेटदर्द है।
करीब आधे घंटे से वह यहीं लेटी हैं। वह कई बार वार्ड में जाकर कर्मचारियों को उनकी हालत के बारे में बता चुकी है लेकिन फिर भी कोई उन्हें देखने नहीं आया। स्टाफ ने उनसे पर्चा बनवाकर लाने को कहा है लेकिन पर्चा काउंटर बंद हो चुका है। शिवदेई के इर्दगिर्द भीड़ लगने लगी तो ईएमओ डॉ. राहुल वाजपेयी बाहर आए और शिवदेई को भर्ती कराया।
फिर भी नहीं शुरू हुआ तीन सौ बेड अस्पताल का डेंगू वार्ड
जिला अस्पताल में बनाए गए तीन डेंगू वार्ड काफी समय से फुल चल रहे हैं। मरीजों को भर्ती करने की समस्या देखते हुए डीएम रविंद्र कुमार ने करीब 10 दिन पहले तीन सौ बेड अस्पताल में भी डेंगू वार्ड बनाने का निर्देश दिया था। इस पर सीएमओ ने तीन सौ बेड अस्पताल में पहली बार 20 बेड और फिर 50 बेड का डेंगू वार्ड बनाने का आदेश जारी किया लेकिन इस वार्ड के लिए स्टाफ का इंतजाम नहीं हो पाया।
इस पर 50 से घटाकर 10 बेड का ही डेंगू वार्ड बनाने का आदेश जारी किया गया लेकिन इसके बाद भी यह वार्ड चालू नहीं हो पाया है। अब तक यहां एक भी मरीज भर्ती नहीं है। जिला महिला अस्पताल से तीन स्टाफ नर्स यहां तैनात करने को कहा गया था, वे भी अब तक यहां नहीं पहुंची हैं।