इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने गगनयान मिशन के बारे में बात करते हुए बताया कि जब वैज्ञानिक गतिविधियां बढ़ेंगी, तो वैज्ञानिकों को ही अंतरिक्ष यात्री बनाया जा सकेगा।
चंद्रयान 3 की सफलता के बाद भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो इंसान को अंतरिक्ष में भेजने के अपने सबसे बड़े मिशन गगनयान की तैयारी में जुटा है जिसकी बीते दिनों टेस्ट फ्लाइट भी सफल रही थी। अब इस मिशन के बारे में बड़ा अपडेट देते हुए इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा है कि वो देश के स्पेस ह्यूमन मिशन में महिला फाइटर जेट पायलट या वैज्ञानिक को भेजना चाहते हैं। रविवार को सोमनाथ ने कहा कि हमारे देश की स्पेस एजेंसी अपने बहुप्रतीक्षित मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम गगनयान मिशन के लिए महिला लड़ाकू पायलट या महिला वैज्ञानिकों को तरजीह देता है और भविष्य में उन्हें ही अंतरिक्ष में भेजना चाहता है।
क्या बोले इसरो चीफ
गगनयान मिशन पर बात करते हुए इसरो चीफ ने कहा, हमारी एजेंसी अगले वर्ष अपने मानव रहित गगनयान अंतरिक्ष यान में एक महिला ह्यूमनॉइड (ह्यूमनॉइड- एक रोबोट जिसकी बनावट मानव जैसी होती है) भेजेगा। सोमनाथ ने आगे कहा, इसरो का लक्ष्य तीन दिवसीय गगनयान मिशन के लिए मानव को 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा में अंतरिक्ष में भेजना और पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लाना है।
एक सवाल के जवाब में इसरो चीफ ने कहा, ‘इसमें शक नहीं कि महिला पायलटों को प्राथमिकता दी जा सकती है, लेकिन हमें इसकी संभावना भविष्य में तलाशनी होगी। फिलहाल शुरुआती उम्मीदवारों का चयन भारतीय वायुसेना के लड़ाकू टेस्ट पायलटों में से किया गया है। वे कुछ अलग श्रेणी के पायलट हैं। इस समय हमारे पास महिला लड़ाकू टेस्ट पायलट ही नहीं हैं। जब वे होंगी, तब इस बारे में सोचा जाएगा।’
बता दें कि इसरो ने शनिवार 21 अक्टूबर को अपने महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान में पहली मानव रहित परीक्षण उड़ान सफलतापूर्वक पूरी कर ली। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी का लक्ष्य 2035 तक पूरी तरह से परिचालन वाला अंतरिक्ष स्टेशन बनाना है।