वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर स्थित वुजूखाने में (शिवलिंग को छोड़कर) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ( एएसआई) सर्वे कराने की वादिनी राखी सिंह की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र को जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश ने शनिवार को खारिज कर दिया। अदालत ने गुरुवार को पिछली सुनवाई में पक्षकारों की बहस सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था।
राखी सिंह के वकील सौरभ तिवारी ने कहा कि आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे। यह भी कहा कि जिला जज के आदेश से स्पष्ट हो गया कि सुप्रीम कोर्ट ने वुजूखाने को सील करने का आदेश नहीं दिया था, बल्कि उसे संरक्षित करने को कहा था। जिला जज ने अपने आदेश में कहा कि जिस क्षेत्र में शिवलिंग पाया गया है, उसे विधिवत संरक्षित करने का सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था।
जिला न्यायालय ने ज्ञानवापी के एएसआइ सर्वे के अपने आदेश में भी उस विशेष क्षेत्र को सर्वेक्षण के दायरे से बाहर रखा था। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने भी आदेश को बरकरार रखा था। ऐसे में वुजूखाने के एएसआइ सर्वे का आदेश देना उचित नहीं है। मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग को लेकर दाखिल मुकदमे की पांच वादी महिलाओं में एक राखी सिंह की ओर से जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल कर मांग की थी कि सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के आदेश पर वुजूखाने को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वे किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई 2022 को अपने आदेश में वुजूखाने को संरक्षित व सुरक्षित रखने को कहा है, न कि सील करने को। ऐसे में शिवलिंग को छोड़कर पूरे वुजूखाने का एएसआइ सर्वे कराने का आदेश दिया जाए। अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद ने इस पर आपत्ति दाखिल करते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने वुजूखाना को संरक्षित रखने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी को सौंपी है। उसमें मिली आकृति के स्वरूप का अभी निर्धारण नहीं हुआ है कि वह शिवलिंग है या फव्वारा। इसलिए प्रार्थना पत्र सुनवाई योग्य नहीं है।
जिला अदालत ने ज्ञानवापी-शृंगार गौरी मूल मुकदमे समेत अन्य नौ मुकदमों की सुनवाई के लिए दो नवंबर की तारीख तय की है। वहीं, ज्योतिर्लिंग आदि विश्वेश्वर विराजमान की ओर से वकील अनुष्का तिवारी व इंदु तिवारी द्वारा दाखिल प्रार्थना पत्र पर सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में शनिवार को सुनवाई हुई। प्रार्थना पत्र में ज्ञानवापी में मिले ज्योतिर्लिंग आदि विश्वेश्वर के पूजा-पाठ की अनुमति देने की मांग की गई है। अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 27 नवंबर तय की है।