नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के अध्यक्ष की नियुक्ति के मुद्दे पर पांच जजों की संविधान पीठ के समक्ष लंबित कार्यवाही के नतीजे का इंतजार करना होगा।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली और जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि जस्टिस जयंत नाथ (सेवानिवृत्त) ने शीर्ष अदालत द्वारा पारित अंतरिम निर्देश के अनुसार अध्यक्ष के रूप में बिजली टैरिफ नियामक निकाय का कार्यभार संभाला है।
अगस्त में दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री द्वारा एक आम नाम पर सहमति नहीं बन पाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस नाथ को डीईआरसी के तदर्थ अध्यक्ष के रूप में नामित किया।
याचिका पांच जजों वाली संविधान पीठ के समक्ष विचाराधीन
ज्ञात रहे कि दिल्ली सरकार ने नियुक्तियों के मामले में निर्वाचित सरकार पर उपराज्यपाल को विशेष शक्तियां देने वाले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अधिनियम, 2023 के प्रविधानों को चुनौती दी है। याचिका पांच जजों वाली संविधान पीठ के समक्ष विचाराधीन है।