नई दिल्ली। सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 6 पैसे बढ़कर 83.24 पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि घरेलू मुद्रास्फीति में गिरावट, औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों में वृद्धि और व्यापार घाटे में सुधार से स्थानीय इकाई को मदद मिली। हालाँकि, भूराजनीतिक तनाव, विशेष रूप से इजराइल-हमास संघर्ष ने निवेशकों की भावनाओं को प्रभावित किया।
आज अंतरबैंक विदेशी मुद्रा में, घरेलू इकाई डॉलर के मुकाबले 83.25 पर खुली और फिर 83.24 के शुरुआती उच्च स्तर को छू गई, जो पिछले बंद के मुकाबले 6 पैसे की बढ़त दर्शाता है। शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 6 पैसे गिरकर 83.30 पर बंद हुआ।
डॉलर सूचकांक में डॉलर 0.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 106.53 पर कारोबार कर रहा था। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.11 प्रतिशत बढ़कर 90.99 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
लाल निशान पर शेयर बाजार
आज बीएसई सेंसेक्स 161.12 अंक या 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 66,121.62 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, एनएसई निफ्टी 36.10 अंक या 0.18 प्रतिशत गिरकर 19,714.95 पर आ गया। एक्सचेंज डेटा के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुक्रवार को 317.01 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
इस बीच 6 अक्टूबर को समाप्त कारोबारी हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.166 बिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 584.742 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। यह जानकारी आरबीआई द्वारा दी गई। पिछले सप्ताह में भारत की विदेशी मुद्रा निधि 3.794 बिलियन अमेरिकी डॉलर कम होकर 586.908 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई थी।
पिछले हफ्ते गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत की खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में घटकर तीन महीने के निचले स्तर 5 प्रतिशत पर आ गई, जबकि अगस्त में फैक्ट्री उत्पादन 14 महीने के उच्चतम स्तर 10.4 प्रतिशत पर पहुंच गया।