फेफड़ों को सेहतमंद बनाते हैं ये फूड्स

दिलवालों का शहर दिल्ली कई वजहों से मशहूर है। यहां के छोले-भटूरे हो या घूमने-फिरने की जगह, यह सभी लोगों को हमेशा से ही अपनी तरफ आकर्षित करती है। हालांकि, इन सबके अलावा यहां का प्रदूषण भी देश-दुनिया में काफी मशहूर है। यहां अक्सर प्रदूषण के गिरते स्तर की वजह से लोग परेशान रहते हैं। बीते कुछ समय से दिल्ली में लोग जहरीला हवा के बीच रहने को मजबूर है। ऐसे में जरूरी है कि बढ़ते प्रदूषण के बीच लोग अपनी सेहत का खास ख्याल रखा जाए।

बढ़ते प्रदूषण की वजह हमारे लंग्स काफी ज्यादा प्रभावित होते हैं। इसकी वजह से खांसी-जुकाम, सांस फूलने और गंभीर रेस्पिरेटरी समस्याओं का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। ऐसे में जरूरी है कि सेहतमंद रहने के लिए अपने फेफड़ों की सेहत का खास ख्याल रखा जाए। आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे सुपरफूड्स के बारे में, जो बढ़ते प्रदूषण के बीच आपके लंग्स को हेल्दी बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं।

अदरक
अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो आपके लंग्स को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है। यह रेस्पिरेटरी संबंधी लक्षणों को कम करने और फेफड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

ओमेगा-3 फैटी एसिड
फैटयुक्त मछली जैसे साल्मन, मैकेरल, सार्डिन और अलसी-अखरोट जैसे फूड आइटम्स ओमेगा -3 फैटी एसिड के बेहतरीन स्रोत माने जाते हैं। इन फूड्स में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो फेफड़ों की बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं।

हल्दी
अपने औषधीय गुणों के लिए मशहूर हल्दी सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए ही नहीं, बल्कि अपने अनगिनत फायदों के लिए भी जानी जाती हैं। रसोई में पाए जाने वाले इसे मसाले में करक्यूमिन होता है, जो अपने शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है। यह गुण फेफड़ों में सूजन को कम करने और फेफड़ों के कार्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

लहसुन
लहसुन को इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी और इम्युनिटी बढ़ाने वाले गुणों के लिए जाना जाता है। यह फेफड़ों की जकड़न को कम करने और रेस्पिरेटरी हेल्थ में सुधार करने में भी मदद कर सकता है।

तुलसी
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व होता है। यही वजह है कि यहां हर घर में तुलसी का पौधा जरूर होता है। धार्मिक महत्व के साथ ही तुलसी सेहत को मिलने वाले फायदों के लिए जानी जाती है। नियमित रूप से तुलसी के रस को पीने से रेस्पिरेटकी ट्रैक्ट से प्रदूषक तत्वों को हटाने में मदद मिलती है।

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