फतेहपुर-बाराबंकी। नगर के प्राचीन यशोदा मंदिर के स्वामित्व वाली कई बीघे भूमि के ठीक सामने कुछ लोगों ने कब्जे की नीयत से नींव खोद दी। इसकी खबर फैलते ही नगर में आक्रोश का माहौल हो गया। अधिकारियों को सूचित कर नागरिकों ने मामले की जानकारी विधायक साकेन्द्र वर्मा को दी। विधायक के निर्देश पर पहुंचे तहसीलदार ने मौके की जांच शुरू की।
ज्ञात हो कस्बा फतेहपुर में स्थित यशोदा मंदिर के अधीन करोड़ों की अचल संपति है।जिसकी जिम्मेदारी तहसीलदार के कंधों पर है।व मंदिर के पदेन संरक्षक के पद पर नियुक्त है। इसके बावजूद मंदिर व इससे जुड़ी संपत्तियों की दशा साल दर साल बद से बदहाल होती जा रही है। मंदिर के अधीन फतेहपुर में यशोदा बाग के नाम छह बीघे से अधिक बेशकीमती भूमि है। प्रशासन की लापरवाही से भूमि अतिक्रमण का शिकार हो कर रह गई। इस बारे में नागरिकों की तमाम लिखापढ़ी का अधिकारियों पर कभी कोई असर नही हुआ।
भूमि के आगे खोदी गयी नींव
यशोदा बाग के ठीक सामने कुछ लोगो ने कब्जे का दावा करते हुए नींव खोद दी है। आरोप है कि इसमें कुछ चर्चित भूमाफिया भी शामिल है। जिससे यशोदा बाग पर आने जाने का रास्ता खत्म हो गया। पता चलते ही लोगों मे आक्रोश फैल गया। अजय सोनी, राघव, महेश अग्रवाल, राकेश कुमार समेत कई नागरिकों ने तहसील अधिकारियों फिर विधायक साकेन्द्र वर्मा से मिल कर उन्हें हालात की जानकारी दी।
विधायक के निर्देश पर पहुंचे तहसीलदार
मामले को गंभीरता से लेकर विधायक ने सीओ रघुवीर सिंह व तहसीलदार नरसिंह नारायण को तत्काल प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए। इसी के बाद तहसीलदार मौके पर पहुंच सके। उन्होंने बताया कि मामले की जांच शुरू की गई है। मंदिर की भूमि पर गलत निगाह रखने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।