इजरायल में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए मोदी सरकार ने ‘ऑपरेशन अजय’ लॉन्च किया है. बुधवार को इस ऑपरेशन की शुरुआत विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की है. सरकार ने उन भारतीयों की इजराइल से वापसी की सुविधा के लिए ‘ऑपरेशन अजय’ शुरू किया है, जो घर वापस आना चाहते हैं. गुरुवार को इजरायल से पहला विमान भारतीयों को लेकर उड़ान भरेगा. सरकार इन यात्रियों से कोई किराया भी नहीं ले रही है.
बता दें कि पांच दिन पहले हमास के लड़ाकों ने इजरायल में अचानक घुसपैठ कर दी थी और जमकर बवाल काटा था. वहां शहरों पर सिलसिलेवार हमले किए हैं, जिससे तनाव बढ़ गया है. इजरायल ने युद्ध की घोषणा कर दी है और गाजा पट्टी पर बमों की बारिश कर दी है. इजरायली जवाबी कार्रवाई में करीब 2,150 लोग मारे गए हैं. जबकि इजरायल में 155 सैनिकों समेत 1300 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. जबकि फिलिस्तीनी पक्ष ने गाजा में मरने वालों की संख्या 950 बताई है.
इस बीच, भारत ने पहले अपने नागरिकों को लेकर गाइडलाइन जारी की. उसके बाद बुधवार रात विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ‘ऑपरेशन अजय’ शुरू करने की घोषणा की. उन्होंने कहा, इजरायल से लौटने के इच्छुक हमारे नागरिकों की वापसी की सुविधा के लिए ऑपरेशन अजय लॉन्च कर रहे हैं. उन्होंने कहा, विशेष चार्टर उड़ानें और अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं. विदेश में हमारे नागरिकों की सुरक्षा और भलाई के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.
‘पहली उड़ान में आ रहे 230 भारतीय’
जानकारी के मुताबिक, गुरुवार शाम इजरायल के बेन गुरियन हवाई अड्डे से भारतीय को लेकर पहला विशेष विमान उड़ान भरेगा. पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर करीब 230 भारतीय रात 9 इजरायल से निकलेंगे. बता दें कि एयर इंडिया ने 7 अक्टूबर को लड़ाई शुरू होने वाले दिन तुरंत अपनी उड़ान सस्पेंड कर दी थी और इसका कॉमर्शियल ऑपरेशन अब तक सस्पेंड चल रहा है. जो लोग लौट रहे हैं उन्हें कोई किराया नहीं देना होगा. सरकार उनकी वापसी का खर्च उठा रही है. बेन गुरियन इजरायल का प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है. यह लोद शहर के उत्तरी बाहरी इलाके में स्थित है.
‘इजरायल में भारत के 18 हजार लोग रहते’
जयशंकर की घोषणा के तुरंत बाद इजरायल में भारतीय दूतावास ने कहा, हमने गुरुवार को विशेष उड़ान से आने वाले भारतीय नागरिकों की पहली खेप की सूची ई-मेल कर दी है. अन्य लोगों के बारे में जल्द ही अगली उड़ानों के लिए सूची भेजे जाएंगे. अनुमान के मुताबिक, इस समय इजरायल में करीब 18,000 भारतीय रह रहे हैं.
‘दिल्ली से लेकर इजरायल तक… भारत ने जारी की हेल्पलाइन’
इससे पहले बुधवार को एस जयशंकर ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अपने समकक्ष शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान के साथ पश्चिम एशिया में ‘संकट’ पर चर्चा की. विदेश मंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया, आज शाम यूएई के विदेश मंत्री एबी जायद से बात की. पश्चिम एशिया में चल रहे संकट पर चर्चा की. दिन में विदेश मंत्रालय ने कहा, हमने इजरायल और फिलिस्तीन की स्थिति पर नजर रखने और जानकारी-मदद के लिए दिल्ली में 24 घंटे चलने वाला नियंत्रण कक्ष स्थापति किया है. इसके अलावा तेल अवीव और रामल्ला में अलग इमरजेंसी हेल्पलाइन जारी है. दिल्ली में नियंत्रण कक्ष के फोन नंबर 1800118797 (टोल-फ्री), +91-11 23012113, +91-11-23014104, +91-11-23017905 और +919968291988 हैं. ई-मेल आईडी situationroom@mea.gov.in है.
इजरायल में नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील
वहीं, इजराइल में भारतीय दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें भारतीय नागरिकों को सावधानी बरतने के लिए कहा गया. इसमें कहा गया है, इजरायल में मौजूदा स्थिति को देखते हुए सभी भारतीय नागरिकों से सतर्क रहने और स्थानीय अधिकारियों की सलाह के अनुसार सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने का अनुरोध किया जाता है.
‘इजरायल पर हमलों में आई कमी’
इजरायल का गाजा पर जवाबी हमला लगातार जारी है. जबकि गाजा से होने वाले रॉकेट हमलों में कमी आई है. बुधवार रात 10 बजे से गुरुवार सुबह 9 बजे के बीच इजराइल पर कोई रॉकेट नहीं दागा गया था. कुछ विश्लेषकों का कहना है कि हमास अंतिम जमीनी घुसपैठ के लिए अपना भंडार जमा कर रहा है. इजरायल में भारत के राजदूत संजीव सिंगला ने कहा, दूतावास से किसी भी अपडेट के लिए हमारे साथ बने रहें.
‘केरल के घायल नागरिक से संपर्क में है दूतावास’
बताते चलें कि शनिवार को तेल अवीव के अशदोद शहर में रॉकेट गोलाबारी हुई थी, जिसमें केरल की एक लड़की घायल हुई है. वो वहां केयरगिवर के रूप में काम करती है. भारतीय दूतावास का कहना है कि हम उनके और भारत में उनके परिवार के साथ लगातार संपर्क में है. भारतीय समुदाय भी उनकी देखभाल कर रहा है. अस्पताल में उनसे मिल रहा है. उनकी हालत स्थिर है. इजरायल में रहने वाले बड़ी संख्या में भारतीय केयरगिवर के रूप में काम करते हैं. वहां करीब एक हजार छात्र, कई आईटी पेशेवर और हीरा व्यापारी भी रहते हैं. इस बीच, रामल्ला में भारतीय प्रतिनिधि कार्यालय लगातार गाजा में रहने वाले चार भारतीयों के संपर्क में है. तेल अवीव में भी भारतीयों को मदद पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
इजरायल में भारत के 8500 यहूदी भी रहते’
दरअसल, भारतीयों के लिए इजरायल भी आकर्षक देश रहा है. वहां उन्हें अच्छा वेतन मिलने के अलावा मुफ्त भोजन, आवास और स्वास्थ्य देखभाल भी मिलती है. करीब 1000 भारतीय छात्र इजरायल में पढ़ रहे हैं. वे इजरायल के विभिन्न संस्थानों और विश्वविद्यालयों में पढ़ते हैं. उनमें से अधिकांश डॉक्टरेट और पोस्ट-डॉक्टरेट की स्टडी करते हैं. इजरायल में भारतीय मूल के करीब 85,000 यहूदी हैं.
‘पीएम ने भी किया था भारतीय नागरिकों को संबोधित’
दूतावास इजरायल में भारतीय यहूदियों के राष्ट्रीय सम्मेलन की सुविधा देता है. जुलाई 2017 में तेल अवीव की अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने इजरायल में काम करने वाले लगभग 8000 पीआईओ और भारतीय नागरिकों को संबोधित किया था. अक्टूबर 2021 में अपनी इजरायल यात्रा के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने भारतीय मूल के समुदाय के साथ बातचीत की थी. इजराइल में भारतीय आईटी कंपनियां भी हैं. आईटी प्रमुख विप्रो के इजरायल में करीब 80 कर्मचारी हैं. ये सभी इजरायली नागरिक हैं. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में लगभग 250 कर्मचारी हैं, जिनमें ज्यादातर स्थानीय लोग हैं.