राजमा हैं सेहत के लिए बेहद लाभकारी

स्वस्थ रहने के लिए लोगों को खूब सब्जियां खाने की सलाह दी जाती है. रंग-बिरंगी सब्जियां सेहत के लिए फायदेमंद होती हैं. इनमें मौजूद पोषक तत्व स्वास्थ्य को तंदुरुस्त रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. सब्जी, दाल और बीन्स को खाने से बीमारियों का खतरा कम होता है. राजमा खाना अधिकतर लोगों को पसंद होता है. रोटी और चावल के साथ राजमा की सब्जी आपने भी कई बार खाई होगी. राजमा को इंग्लिश में किडनी बीन्स कहते हैं, क्योंकि इनकी बनावट इंसान की किडनी जैसी होती है. राजमा को सेहत के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है. इसका सेवन करने से कई बीमारियों से राहत मिल सकती है. हालांकि राजमा बेहद सावधानी के साथ खाना चाहिए. गलती करने पर आप बीमार हो सकते हैं.

राजमा प्रोटीन, फाइबर, कार्ब्स, विटामिन और मिनरल्स का खजाना होता है. हेल्थलाइन की रिपोर्ट के अनुसार 100 ग्राम उबले हुए राजमा में करीब 9 ग्राम प्रोटीन, फाइबर 6.5 ग्राम, कार्ब्स 22 ग्राम और अन्य तमाम पोषक तत्व होते हैं. उबले हुए राजमा में करीब 67 पर्सेंट पानी होता है. राजमा प्लांट बेस्ट प्रोटीन का सबसे बढ़िया स्रोत माना जा सकता है. इसे गरीबों का चिकन भी कहा जाता है. राजमा मुख्य रूप से स्टार्चयुक्त कार्ब्स से बना होता है. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है, जिसकी वजह से डायबिटीज के मरीज भी इसका सेवन कर सकते हैं.

कच्चा राजमा खाना जहर के समान
आपको जानकर हैरानी होगी कि लाल राजमा को कभी कच्चा नहीं खाना चाहिए. इससे आपकी तबीयत खराब हो सकती है और हॉस्पिटल जाने की नौबत आ सकती है. कच्चे राजमा में अधिक मात्रा में फाइटोहेमाग्लगुटिनिन नामक टॉक्सिक प्रोटीन होता है. फाइटोहेमाग्लगुटिनिन कई फलियों में पाया जाता है, लेकिन लाल राजमा में सबसे अधिक होता है. कच्चा राजमा खाने से लोग फूड पॉइजनिंग का शिकार हो सकते हैं. कच्चा राजमा उल्टी, दस्त, पेट फूलने और पाचन संबंधी कई समस्याएं पैदा कर सकता है.
हालांकि राजमा को कुछ घंटे तक पानी में भिगोकर रखने से इसमें से अधिकांश जहरीले पदार्थ समाप्त हो जाते हैं. अच्छी तरह पकाने के बाद राजमा खाने के लिए सुरक्षित होता है और यह बेहद पौष्टिक होना चाहिए. सेवन से पहले कच्चे राजमा को कम से कम 5 घंटे तक पानी में भिगोया जाना चाहिए और कम से कम 10 मिनट तक उबाला जाना चाहिए. इसके बाद सेवन किया जाए, तो सेहत दुरुस्त हो सकती है.

राजमा खाने के जबरदस्त फायदे
– प्रोटीन, फाइबर और धीमी गति से रिलीज होने वाले कार्ब्स से भरपूर होने के कारण राजमा ब्लड शुगर कंट्रोल करने में बेहद प्रभावी है. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है, जिसकी वजह से यह शुगर के मरीजों के लिए बेहद लाभकारी है. कई अध्ययनों से संकेत मिलता है कि राजमा और अन्य कम ग्लाइसेमिक खाद्य पदार्थ खाने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है.

– कोलन कैंसर दुनियाभर में सबसे कॉमन कैंसर में से एक है. कई स्टडी में यह बात सामने आई है कि राजमा का सेवन करने से कोलन कैंसर का खतरा कम हो सकता है. राजमा में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व और फाइबर होते हैं, जिनमें संभावित एंटी-कैंसर प्रभाव होते हैं. इसे कोलन की हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद माना जा सकता है.

– राजमा का सेवन करने से ओवरवेट और मोटापे का खतरा कम हो सकता है. फाइबर से भरपूर होने की वजह से राजमा पाचन तंत्र के लिए भी अच्छा माना जा सकता है. फाइबर युक्त फूड्स का सेवन करने से पेट साफ करने में मदद मिलती है और कब्ज जैसी समस्या से राहत मिलती है. राजमा में आयरन की मात्रा होती है, जिसकी वजह से यह शरीर को एनर्जी से भरपूर रखता है.

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