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लखनऊ। योगी सरकार बुजुर्ग मां-बाप के भरण पोषण को लेकर एक नया कानून लाने जा रही. इस कानून के मुताबिक अगर संतानें अपने मां-बाप का ध्यान नहीं रखेंगी तो वे उन्हें सम्पत्तियों से बेदखल कर दिया जाएगा. इसकी जिम्मेदारी एसडीएम के पास होगी. मंगलवार शाम होने वाली कैबिनेट बैठक में वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण और कल्याण नियमावली 2014 को संसोधित करने का प्रस्ताव पास हो सकता है.
संसोधन प्रस्ताव के मुताबिक एसडीएम की अध्यक्षता में गठित ट्रिब्यूनल को यह अधिकार होगा कि माता-पिता का ध्यान न रखने वाली संतानों को उनकी संपत्ति से बेदखल कर सके. माता-पिता का ख्याल ना रखने वाली संतानों को संपत्ति से बेदखल करने के नियम को लागू करने की जिम्मेदारी भी एसडीएम की होगी.
डीएम की अध्यक्षता में गठित अभिकरण में फैसले के खिलाफ अपील करने का भी प्रावधान होगा. शिकायत मिलने और सही पाए जाने पर 30 दिन के भीतर संतानों को संपत्ति से बेदखल कर दिया जाएगा.
सप्तम विधि आयोग ने वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण और कल्याण नियमावली 2014 को उद्देश्यों को पूरा करने अक्षम बताया था. जिसके बाद नियमावली 22 (क), 22 (ख) और 22 (ग) को बढ़ाने की सिफारिश की गई थी. आज लोकभावन में होने वाली कैबिनेट बैठक में इस संसोधन प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है. इस प्रस्ताव के लागू होने के बाद वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार की रक्षा बेहतर तरीके से हो सकेगी. अगर संतान या रिश्तेदार उनकी अपेक्षा करते हैं तो उन्हें संपत्ति से बेदखल किया जा सकेगा.