नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत और तंजानिया के बीच रक्षा क्षेत्र में पांच साल के रोडमैप पर सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि दोनों देश इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर सुरक्षा खतरा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने हैदराबाद हाउस में आज तंजानिया की राष्ट्रपति सामिया सुलुह हसन के साथ विस्तार से बातचीत की। इसके बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का दिन भारत और तंजानिया के संबंधों में एक ऐतिहासिक दिन है। आज हम अपनी सदियों पुरानी मित्रता को सामरिक भागीदारी के सूत्र में बांध रहे हैं। भारत और तंजानिया आपसी व्यापार और निवेश के लिए एक दूसरे के महत्वपूर्ण सहयोगी हैं। दोनों पक्ष स्थानीय मुद्राओं में व्यापार बढ़ाने के लिए एक समझौते पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत ने आईसीटी केंद्र, व्यावसायिक प्रशिक्षण, रक्षा प्रशिक्षण, आईटीईसी तथा आईसीसीआर छात्रवृत्ति के माध्यम से तंजानिया की कौशल विकास और क्षमता निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जलापूर्ति, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मिलकर काम करते हुए हमने तंजानिया के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा के क्षेत्र में हमने पांच साल के रोडमैप पर सहमति बनाई है। इसके माध्यम से सैन्य प्रशिक्षण, समुद्री सहयोग, क्षमता निर्माण, रक्षा उद्योग जैसे क्षेत्रों में नए आयाम जुड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे ख़ुशी है कि तंज़ानिया ने भारत द्वारा जी-20 समिट में लॉन्च की गयी वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन से जुड़ने का निर्णय लिया है। साथ ही तंजानिया द्वारा लिये गए इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस से जुड़ने के निर्णय से हम बिग कैट के संरक्षण के लिए वैश्विक प्रयासों को सशक्त कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत और तंजानिया इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर सुरक्षा खतरा है। उन्होंने कहा, “भारत और तंजानिया एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर सुरक्षा खतरा है। इस संबंध मे हमने आतंकवाद से निपटने के लिए आपसी सहयोग को बढ़ाने का भी निर्णय लिया है।”