काम के बीच छोटे-छोटे ब्रेक लेना फिजिकल और मेंटल दोनों हेल्थ के लिए जरूरी बताया गया है। महज 5 से 10 मिनट का ब्रेक आपको रिचार्ज कर सकता है, लेकिन ब्रेक लेने का मतलब सीट से उठकर थोड़ी देर वॉक करना, हल्की-फुल्की स्ट्रेचिंग करने से होता है न कि फोन स्क्रॉल करना। वैसे आजकल लोगों के लिए ब्रेक का मतलब यही हो गया है। पढ़ाई से, ऑफिस से या घर के काम से ब्रेक लेकर लोग सोशल मीडिया पर लग जाते हैं और 10 मिनट का ब्रेक कब 1 घंटे में बदल जाता है पता ही नहीं लगता। जिसका बाद में बेहद अफसोस भी होता है। वैसे आपने नोटिस तो किया ही होगा कि ऑफिस में हर थोड़ी देर में सोशल मीडिया का इस्तेमाल सीधा आपकी प्रोडक्टिविटी पर असर डालता है। जो काम आप 8 से 9 घंटे में निपटा सकते थे वही काम करने में कई बार 12 या इससे ज्यादा ही घंटे लग जाते हैं और फिर हमें लगता है कि ऑफिस में हमारी क्षमता से ज्यादा काम करवाया जा रहा है। आइए जानते हैं ऑफिस में सोशल मीडिया के ज्यादा इस्तेमाल से होने वाले कुछ ऐसे ही दुष्प्रभावों के बारे में।
ऑफिस में सोशल मीडिया के ज्यादा इस्तेमाल से होने वाले नुकसान
- थोड़ा सा वक्त मिला नहीं कि तुरंत फोन उठाकर स्क्रॉल करने की आदत से हम सभी मजबूर हो चुके हैं और ऑफिस में जब आप ऐसा करते हैं, तो इससे ऑफिस ऑवर्स में आपका काम पूरा नहीं हो पाता, जिससे ऑफिस के बाद भी एक्स्ट्रा टाइम देना पड़ता है और उसकी वजह से दूसरे काम पेंडिंग हो जाते हैं, तो ये सारी चीज़ें मिलकर तनाव बढ़ाने का काम करती हैं। व्यक्ति का मूड चिड़चिड़ा रहता है। इसका सीधा असर आपके काम पर पड़ता है।
- ऑफिस के काम करने के लिए आपको फोकस करने की भी जरूरत होती है। मीटिंग, प्रेजेंटेशन, टीम बिफ्रिंग जैसी कई चीज़ें हैं जिसमें फोकस्ड रहना जरूरी है, लेकिन जब आपका ध्यान इन कामों के जगह सोशल मीडिया में रहता है, तो इसका कहीं न कहीं असर काम पर देखने को मिलता ही है।
- सोशल मीडिया पर आप अपने ऑफिस के कई लोगों से कनेक्ट रहते हैं, तो ऐसे में काम से हटकर उनके दूसरे टैलेंट, उसके चलते मिलने वाली पॉपुलैरिटी कहीं न कहीं आपको प्रभावित करती ही करती है, जिससे जलन की भावना विकसित होती है और इसका असर आपके उनसे रिलेशनशिप पर भी पड़ता है।