सिक्किम में कुदरत का कहर देखने को मिला, जहां बादल फटने से लगभग 51 लोगों की मौत हो गई। अब तक 26 शव सिक्किम में और 25 बंगाल में तीस्ता नदी से निकाले गए हैं। इस हादसे में पाक्योंग जिले के बरदांग सेना छावनी से लापता 22 सैनिकों में से सात के शव मिले हैं।
इस बीच मंगलवार की देर रात हुए इस हादसे को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने पिछली सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि घटिया सामग्री से बांध निर्माण की वजह से सिक्किम में बादल फटने के बाद स्थिति खतरनाक और बेकाबू हो गई। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इसी वजह से जानमाल का इतने बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।
घटिया सामग्री से बना डैम
बादल फटने के बाद दक्षिण ल्होनक झील का पानी बढ़ गया और चुंगथांग जल विद्युत परियोजना तीस्ता चरण -3 डैम तक पहुंच गया। घटिया सामग्री से डैम तैयार किया गया था, जो उफनते पानी को संभाल नहीं पाया। झील और बांध का पानी एक साथ नदी में आने से तीस्ता नदी ने विकराल रूप ले लिया। बता दे कि इस हादसे के बाद लगभग 142 लोग लापता है। मृतकों के स्वजनों को सिक्किम सरकार 4-4 लाख का मुआवजा देगी। वहीं, राहत शिविरों में रहने वालों को 2-2 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की गई है।
राहत और बचाव कार्य जारी
जिला प्रशासन ने जानकारी देते हुए बताया की पाक्योंग जिले में 9 आम नागरिक और सेना के सात जवानों के शव मिले हैं। प्रभावित इलाके में राहत और बचाव कार्य जारी है। भारतीय सेना के जवान, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सिक्किम पुलिस के साथ आम नागरिक भी लगातार बचाव कार्यों में जुटी हुई है। अब तक 2413 लोगों को बचाया गया है। बादल फटने से लगभग 1173 मकान क्षतिग्रस्त हो गए। इस बीच मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया और पूर्ववर्ती सरकारों को इसके लिए दोषी ठहराते हुए जांच के आदेश दिए है।
राज्य सरकार कर रही पूरी कोशिश
सिक्किम में आए बाढ़ से हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उत्तर सिक्किम में बचाव, निकासी और राहत कार्यों के लिए राज्य सरकार द्वारा एक हेलीकॉप्टर किराए पर लिया गया है, जो की खराब मौसम में भी पहाड़ी इलाकों में उड़ान भर सकता है। हेलीकॉप्टर के जरिए शनिवार सुबह से सुदूर और दुर्गम इलाकों में फंसे लोगों को निकालने का काम शुरू होगा।
सिक्किम सरकार ने उत्तर सिक्किम में राहत और बचाव के लिए तत्काल 25 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। राज्य के ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री सोनाम लामा ने कहा कि चुंगथांग, लाचेन और लाचुंग में अभी भी पूरी क्षमता से राहत एवं बचाव कार्य शुरू नहीं हो पाया है। रक्षा मंत्रालय के साथ राज्य सरकार संपर्क में है। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को विस्थापित परिवारों की पुनर्वास के लिए हरसंभव सहायता देने का निर्देश दिया है। राज्य में काम करने वाले गैर सिक्किमी नागरिकों के लिए चिकित्सा और रसद सहायता दी जा रही है।