शास्त्रों में कौए को यमराज का प्रतीक माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि पितृपक्ष के दौरान कौए को भोजन कराने से पुरखे संतुष्ट होते हैं. पितृ पक्ष में लोग अपने पितरों को पिंडदान करते हैं और पूरे आदर के साथ ब्राह्मणों को भोज कराते हैं. साथ ही अगर बात करें कौओं की तो वर्तमान में शहरों से ये गायब होते दिख रहे हैं. ऐसे में जब पितृपक्ष की शुरुआत शुक्रवार से हो गई है तो कौओं की तलाश भी शुरू हो गई है