मध्य प्रदेश। बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट में कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर से टिकट दिया है. वहीं अब टिकट मिलने के बाद उनकी प्रतिक्रिया सामने आई है. कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि इस बार उनकी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं थी. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मैंने कहा था कि मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने परसों मुझे कुछ दिशा-निर्देश दिए. मैं असमंजस में था और घोषणा होने के बाद मैं आश्चर्यचकित रह गया.
‘अंदर से खुश नहीं हूं’
इंदौर-1 से चुनावी मैदान में उतारे जाने पर भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ” मेरी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं थी. मैं अंदर से खुश नहीं हूं. अब हम बड़े नेता हो गए हैं. हाथ जोड़ने कहां जाएं. मुझे अंदाजा नहीं था कि पार्टी मुझे टिकट देगी.”
‘एलान के बाद रहा गया था हैरान’
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ये भी कहा कि मैं चुनाव मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता था. लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने परसों मुझे कुछ दिशा-निर्देश दिए. मैं असमंजस में था और एलान होने के बाद मैं हैरान रह गया. हालांकि इससे पहले उन्होंने ये भी कहा था कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे चुनावी राजनीति में भाग लेने का अवसर मिला और मैं पार्टी की अपेक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करूंगा.
कैलाश विजवर्गीय ने ये भी कहा, “मैं सोचता था कि मैं चुनाव क्यों लड़ू, क्योंकि आकाश ने इंदौर शहर में अपनी एक जगह बनाई है. मेरी वजह से उसका राजनीतिक अहित नहीं होना चाहिए, ऐसा मेरे मन में एक पिता होने की हैसियत से भाव चल रहा था.” उन्होंने कहा कि हालांकि पार्टी का आदेश सर्वोपरि है.