मुंबई। निफ्टी नफे और नुकसान के बीच उतार-चढ़ाव के साथ आखिरकार 19,675 पर बंद हुआ। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, व्यापक बाजार सकारात्मक थे और निफ्टी मिड-कैप100 0.7 प्रतिशत ऊपर था, जबकि निफ्टी स्मॉल-कैप100 सपाट बंद हुआ।
निफ्टी50 सपाट होकर 19,674.55 पर बंद हुआ, वहीं सेंसेक्स लगभग 15 अंक या 0.02 प्रतिशत बढ़कर 66,023.69 पर बंद हुआ।
सेक्टर के हिसाब से यह मिश्रित स्थिति रही और रियल्टी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और वित्तीय सेवाओं में खरीददारी देखी गई। खेमका ने कहा, हाल के हफ्तों में बाजार दबाव में आ गए हैं। अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने भविष्य में और अधिक दरों में बढ़ोतरी का संकेत दिया है।
इसके साथ ही एफआईआई द्वारा लगातार बिकवाली, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी ने निवेशकों की भावनाओं को प्रभावित किया है। हमें उम्मीद है कि इस सप्ताह मासिक एफएनओ समाप्ति से पहले सतर्कता और भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट जैसे आर्थिक आंकड़ों के बीच बाजार में कमजोरी बनी रहेगी। अगस्त महीने की यूएस/यूके की दूसरी तिमाही के जीडीपी डेटा और यूएस/चीन मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई डेटा जारी किया जाएगा।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बाजार की मिली-जुली तस्वीर रही। रियल्टी, बैंकिंग और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे क्षेत्रों ने अच्छा प्रदर्शन किया, जबकि आईटी और फार्मा पिछड़ गए।
निवेशक कुछ और सोच रहे हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े शेयरों से दूर जा रहे हैं और घरेलू अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। नायर ने कहा, ऊंची ब्याज दरों की लंबी अवधि के कारण संभावित वैश्विक आर्थिक मंदी पर चिंताएं मंडरा रही हैं।
जहां त्योहारी सीजन से पहले घरेलू बाजार में खपत की मांग देखी जा रही है, वहीं जेपी मॉर्गन के उभरते बाजारों के सरकारी बॉन्ड इंडेक्स में भारत के प्रवेश से फंडिंग लागत में कमी की उम्मीद में वित्तीय क्षेत्र को फायदा हो रहा है।