नई दिल्ली । राऊज एवेन्यू कोर्ट की एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा का मामला सुनवाई के लिए डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज के पास भेज दिया है। अब डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज तय करेंगे कि इस मामले पर सुनवाई कौन सेशंस जज करेंगे।
कोर्ट में 6 सितंबर को सुनवाई के दौरान जगदीश टाइटलर के वकील ने सुनवाई टालने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई थी। टाइटलर के वकील ने कहा था कि जिन दलीलों के आधार पर उनको जमानत मिली थी, अब सीबीआई उन दलीलों को अपनी नई चार्जशीट में खारिज कर रही है। सुनवाई के दौरान दंगा पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा था कि मामले की सुनवाई तेजी से होनी चाहिए, ये मामला दशकों से लंबित है। दरअसल, जगदीश टाइटलर की ओर से कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मामले में 1984 से 2023 तक के सारे दस्तावेज उपलब्ध कराने की मांग की गई है।
इसके पहले जगदीश टाइटलर ने सुरक्षा का हवाला देते हुए वर्चुअली कोर्ट में पेश होने की इजाजत मांगी थी। इस पर 10 अगस्त को कोर्ट ने जगदीश टाइटलर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश होने की इजाजत दे दी थी। 4 अगस्त को राऊज एवेन्यू कोर्ट सेशंस कोर्ट के स्पेशल जज विकास ढल ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर अग्रिम जमानत देने का आदेश दिया था। जगदीश टाइटलर 5 अगस्त को कोर्ट में पेश हुए थे और अपना बेल बांड भरा था। 5 अगस्त को कोर्ट के बाहर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत देने के कोर्ट के आदेश पर विरोध जताते हुए प्रदर्शन किया था।
एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने 26 जुलाई को जगदीश टाइटलर के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। कोर्ट ने टाइटलर को आज कोर्ट में पेश होने के लिए समन जारी किया था। सीबीआई ने इस मामले में टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 109 और 302 के तहत लगाया है। सीबीआई के मुताबिक टाइटलर ने भीड़ को उकसाया था, जिसके बाद भीड़ ने पुलबंगश के गुरुद्वारे में आग लगा दी थी।