देहरादून । मुख्यमंत्री ने कहा कि मसूरी गोलीकांड की घटना हमेशा हमारे स्मरण में रहेगी। राज्य निर्माण में हमारी मातृशक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सरकार राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का राज्य बनाने के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है।
शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी में शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद राज्य आन्दोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मसूरी में शहीद राज्य आन्दोलनकारियों के परिवारजनों को सम्मानित भी किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मसूरी शहीद स्थल पर शेड का निर्माण की घोषणा की।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि 02 सितम्बर 1994 में मसूरी गोलीकांड की घटना हमेशा हमारे स्मरण में रहेगी। पुलिस की तानाशाही और हठधर्मिता को सबने देखा, जो उस समय की सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से करवाया। इस गोलीकाण्ड में हमारे 06 आन्दोलनकारी शहीद हो गये और बहुत से लोग घायल हो गये। राज्य निर्माण में हमारी मातृशक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका रही। राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों को पूरा करने के लिए हम सबको प्रदेश के विकास में मिलकर योगदान देना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आन्दोनकारियों ने जिस उद्देश्य से अलग राज्य की मांग की थी, उसके अनुरूप ही राज्य को आगे बढ़ाने के लिए सरकार निरन्तर कार्य कर रही है। राज्य आन्दोलनकारियों के चिन्हित प्रमाण पत्र बनाने के लिए 06 माह का अतिरिक्त समय दिया गया था। बहुत जिलों में इस पर कार्य हुआ। इसके लिए ऐसी व्यवस्था की गई है कि इसका दोबारा आकलन कर व्यवस्था को आगे बढ़ाया जाये।
उन्होंने बताया कि जनपद देहरादून में चिह्नित सभी 4164 राज्य आन्दोलनकारियों को पहचान पत्र निर्गत किये गये हैं। राज्य आन्दोलनकारियों को उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क परिवहन सुविधा की व्यवस्था की गयी है। राज्य आन्दोलनकारियों के अधिकतम दो बच्चों को राजकीय विद्यालयों और महाविद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा सुविधा दी गई है।
उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारियों के आश्रितों को पेंशन सुविधा प्रदान की गई है। शहीद आन्दोलनकारी के पिता को और पिता के जीवित न होने पर माता को और आश्रित को प्रतिमाह पेंशन की सुविधा प्रदान की गयी है।
राज्य आन्दोलन के दौरान 172 घायल राज्य आन्दोलनकारियों को 06 हजार रुपये प्रतिमाह और 2414 सक्रिय राज्य आन्दोलनकारियों को 4500 रुपये प्रतिमाह पेंशन प्रदान की जा रही है। 06 घायल और 26 सक्रिय राज्य आन्दोलनकारियों के आश्रितों को भी प्रतिमाह पेंशन प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि स्कूलों और सड़कों का नाम संबंधित क्षेत्रों के शहीद राज्य आन्दोलनकारियों के नाम पर करने की दिशा में सरकार लगातार कार्य कर रही है।