संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है। इसके बाद ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को चर्चा तेज हो गई है। इस विचार की संभावना तलाशने के लिए पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के नेतृत्व में एक समिति भी बनाई गई है। वहीं, ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लेकर विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है। हालांकि, भाजपा की ओर से पलटवार किया जा रहा है। एक राष्ट्र, एक चुनाव पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि अभी तो समिति बनी है, इतना घबराने की बात क्या है? समिति की रिपोर्ट आएगी, फिर पब्लिक डोमेन में चर्चा होगी। संसद में चर्चा होगी। उन्होंने सवाल किया कि घबराने की बात क्या है?…बस समिति बनाई गई है, इसका अर्थ यह नहीं है कि यह कल से ही हो जाएगा। भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा, “विशेष सत्र पर प्रह्लाद जोशी ने जो ट्वीट किया था उसमें बस यही था कि अमृत काल में 5 दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है। उन्होंने एजेंडा के बारे में कुछ स्पष्ट नहीं किया है। मुझे लगता है कि कयास लगाने की ज़रूरत नहीं है, इंतज़ार करना चाहिए… अभी तो बस कमेटी बनी है, बिना रिपोर्ट आए बिल आने की कोई संभावना नहीं है।” उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “वन नेशन वन इलेक्शन एक अभिनंदनीय प्रयास है। हमें ये जानकर प्रसन्नता है कि वन नेशन वन इलेक्शन के लिए जो कमेटी बनी है उसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को बनाया गया है। इस अभिनव पहल के लिए मैं उत्तर प्रदेश की जनता की ओर से प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। ये आज की आवश्यकता है। बार-बार चुनाव विकास कार्यों में बाधा पैदा करती है। चुनाव की प्रक्रिया को कम से कम 1.5 महीने का समय लगता है। इसके लिए आवश्यक है कि लोकसभा विधानसभा और अन्य सभी प्रकार के चुनावों का हम एक साथ आयोजन करें।” देवेंद्र फड़णवीस ने कहा, “वन नेशन, वन इलेक्शन बहुत ही सही प्रस्ताव है। देश में लगातार चुनाव होते हैं, आधा श्रम चुनाव में जाता है। कहीं-कहीं चुनाव की आचार संहिता लगती है तो उसके कारण भी काम में देरी हो जाती है। संसाधन खर्च होते हैं…वन नेशन, वन इलेक्शन से 5 साल की खुली स्लेट होगी, पैसा भी बर्बाद नहीं होगा और काम भी सुचारू रूप से होगा।” असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “आज पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर एक आयोग नियुक्त करके एक बहुत ही ऐतिहासिक फैसला लिया है।