गोपेश्वर । चमोली के जिलाधिकारी ने बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की बैठक लेते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत संचालित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा की। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को एनएचएम के अन्तर्गत संचालित स्वास्थ्य योजनाओं का बेहतर तरीके से क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सरकार का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। जिसके तहत संक्रामक एवं गैर संक्रामक बीमारियों को प्राथमिक स्टेज पर ही नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव के लिए लोगों को जागरूक कर शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव कराने पर जोर दिया।
उन्होंने प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण कराते हुए संस्थागत प्रसव बढ़ाए जाए और होम डिलीवरी को कम से कम किया जाए। प्रसव से पहले गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच, टीकाकरण के साथ ही जरूरी दवाईयां दी जाए। मातृ एवं शिशु कल्याण कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं में खून की कमी या अन्य समस्याओं को रोकथाम के लिए उचित कदम उठाए जाए।
जिलाधिकारी ने प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि गैर-संचारी रोगों की जांच के लिए स्क्रीनिंग प्रोग्राम का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में कम से कम दो बार और सभी विद्यालयों में एक बार स्वास्थ्य जांच के लिए स्क्रीनिंग की जाए। जिन लोगों की आंखे कमजोर है, उनके लिए चश्मा बनाया जाए। इस दौरान जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन, नियमित टीकाकरण, परिवार कल्याण, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य, मातृत्व स्वास्थ्य और एनीमिया मुक्त कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए सभी पात्र लोगों को आयुष्मान योजना का लाभ पहुंचाने के निर्देश भी दिए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि विगत वर्ष जनपद में 22 प्रमुख स्थानों पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा चुके है। इस वर्ष भी रोस्टर के अनुसार स्वास्थ्य शिविरों का नियमित आयोजन किया जा रहा है।