प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि मिशन चन्द्रयान नए भारत की ऊर्जा और उत्साह का प्रतीक बन गया है, जो हर हाल में जीतना चाहता है और यह भी जानता है कि यह जीत कैसे प्राप्त की जाए। उन्होंने कहा कि आज देश के स्वप्न बहुत बडे हैं और प्रयास भी बड़े हैं। आज आकाशवाणी से मन की बात कार्यक्रम में राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने चन्द्रयान-3 के सफल मिशन की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस महीने की 23 तारीख को भारत ने साबित कर दिया है कि संकल्प के सूर्य, चांद पर भी उदित होते हैं।
महिला नीत विकास पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां महिलाओं की क्षमता और शक्ति जुड़ती है असंभव भी संभव बन सकता है। श्री मोदी ने कहा कि मिशन चन्द्रयान भी महिला शक्ति का जीवंत उदाहरण है, क्योंकि अनेक महिला वैज्ञानिक और इंजीनियर भी सीधे इस मिशन से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि जब देश की बेटियां इतनी महत्वकांक्षी हों तो उस देश को विकसित होने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने चन्द्रयान-3 की सफलता में अन्य क्षेत्रों के योगदान की भी सराहना करते हुए कहा कि इस मिशन की सफलता में अनेक देशवासियों का योगदान रहा है। उन्होंने कामना की कि देश का अंतरिक्ष क्षेत्र सामूहिक प्रयासों से भविष्य में असंख्य सफलताएं प्राप्त करे।
अगले महीने की 9 और 10 तारीख को नई दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत शिखर सम्मेलन के लिए पूरी तरह तैयार है। चालीस देशों के राष्ट्राध्यक्ष और अनेक वैश्विक संगठन इस आयोजन में भाग लेंगे, जो जी-20 के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने अपनी अध्यक्षता में जी-20 को अधिक समावेशी बनाया है। अब अफ्रीकी संघ भी इस मंच से जुड गया है और अफ्रीका के लोगों की आवाज पूरे विश्व तक पहुंच रही है। जी-20 के आयोजनों की सफलता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की विविधता और इसके ऊर्जावान लोकतंत्र को देखकर सम्मेलन के प्रतिभागी बहुत ही प्रभावित हुए हैं।
भारत की जी-20 अध्यक्षता को जन-अध्यक्षता बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि जनता की भागीदारी शिखर सम्मेलन में सबसे अग्रणी रही है। उन्होंने कहा कि एक करोड़ पचास लाख से भी अधिक लोग देश के विभिन्न स्थानों पर आयोजित हो रहे कार्यक्रमों से जुडे हैं। उन्होंने वाराणसी में जी-20 क्विज और सूरत में साड़ी वॉकेथॉन की सफलता का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कश्मीर में आयोजित जी-20 बैठक के बाद वहां पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। उन्होंने देशवासियों से एकजुट होकर जी-20 शिखर सम्मेलन को सफल बनाने का आग्रह किया।
भारत की युवा पीढी की अपार क्षमता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने खेलों में युवाओं की सफलता की बात की। चीन में सम्पन्न विश्व विश्वविद्यालय खेलों के दौरान भारतीय खिलाडियों की सफलता को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे खिलाडियों ने 11 स्वर्ण सहित 26 पदक जीतकर इन खेलों में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।
प्रधानमंत्री ने इन खेलों के पदक विजेताओं में से कुछ के साथ फोन पर बातचीत की और उन्हें सफलता पर बधाई दी। तीरंदाजी में पदक जीतने वाली उत्तर प्रदेश की प्रगति से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आप लोगों ने देश को गौरवान्वित किया है। इस पर प्रगति ने कहा कि वे स्वयं बहुत गौरवान्वित महसूस कर रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने असम में रहने वाले अम्लान से भी बातचीत की जिन्होंने एथलेटिक्स में अपनी गहरी रूचि का उल्लेख किया।
मन की बात कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर घर तिरंगा अभियान को, हर मन तिरंगा अभियान बनाने में देशवासियों के सामूहिक प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस अभियान के दौरान अनेक रिकॉर्ड स्थापित हुए। इस बार देशवासियों ने तिरंगे के साथ सेल्फी पोस्ट करने में भी नया रिकॉर्ड बनाया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में मेरी माटी, मेरा देश अभियान की भी बात की। उन्होंने कहा कि अगले महीने देश के प्रत्येक गांव में, प्रत्येक घर से मिट्टी एकत्रित करने का अभियान चलेगा और देश की पवित्र माटी हजारों अमृत कलशों में एकत्रित की जाएगी। इस मिट्टी से दिल्ली में अमृत वाटिका का निर्माण होगा।
प्रधानमंत्री ने विश्व संस्कृत दिवस पर भी शुभकामनाएं प्रेषित की। उन्होंने कहा कि इस बार उन्हें कई पत्र संस्कृत भाषा में मिले हैं और इसका कारण है कि सावन महीने की पूर्णिमा को विश्व में संस्कृत दिवस मनाया जा रहा है। संस्कृत को अनेक आधुनिक भाषाओं की जननी बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि हजारों वर्षों से भारत का प्राचीनतम ज्ञान इस भाषा में संरक्षित है और लोग अब अधिक रूचि से संस्कृत सीख रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने इस महीने की 29 तारीख को मनाये जाने वाले तेलुगु दिवस की भी शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति के अनेक अमूल्य रत्न तेलुगु भाषा और साहित्य में निहित हैं।
मन की बात में प्रधानमंत्री ने लोगों के जीवन में पर्यटन के महत्व पर भी बात की। उन्होंने कहा कि स्थलों को साक्षात देखने, समझने और कुछ पल के लिए इनके सौन्दर्य और महत्व को जीने का अवसर एक अलग और अनूठा अनुभव देता है। श्री मोदी ने बंगलुरू के धनपाल का उल्लेख किया, जो पर्यटकों को शहर के विभिन्न पर्यटन स्थलों तक ले जाया करते थे। श्री मोदी ने मेघालय निवासी ब्रायन डी. खारप्रन का भी जिक्र किया, जिनकी गुफाओं के अध्ययन में गहरी रूचि है। प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री खारप्रन ने अपने टीम के साथ मेघालय में 17 सौ से अधिक गुफाओं का पता लगाया है और राज्य को विश्व गुफा मानचित्र में पहुंचा दिया है।
देश में डेयरी क्षेत्र के विकास का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र ने माताओं और बहनों के जीवन में एक बड़ा बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि देश की अनेक डेयरी सामूहिक प्रयासों से आधुनिक सोच के साथ विकसित हो रही हैं। उन्होंने गुजरात की बनास डेयरी, वाराणसी दुग्ध संघ, केरल की मालाबार दुग्ध संघ डेयरी का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने राजस्थान में कोटा के डेयरी फार्म मालिक अमनप्रीत सिंह के प्रयासों की भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में रक्षाबंधन की शुभकामनाएं दी। उन्होंने इस अवसर पर वोकल फॉर लोकल का मंत्र अपनाने पर बल दिया। श्री मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान देशवासियों का अपना अभियान है। उन्होंने लोगों से पावन स्थलों और अपने आस-पास स्वच्छता और सफाई रखने का भी आग्रह किया।