लखनऊ/ललितपुर। उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हो रहे भारी निवेश का लाभ प्रदेश की जनता को मिलेगा। आज उत्तर प्रदेश देश में सबसे ज्यादा पूंजी निवेश वाला देश बना है।
रविवार को ललितपुर जनपद में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में जो भी उद्योग लगे हैं या लगेंगे उनमें अधिकतम रोजगार बुंदेलखंड के लोगों को ही मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब यहां के लोगों को रोजगार के लिए बंगलौर, मुम्बई, कलकत्ता, दिल्ली आदि स्थानों पर जाना न पड़ेगा क्योंकि अपना उत्तर प्रदेश और अपने बुंदेलखंड के विकास के लिए यहां पर नये उद्योग लगेंगे। योगी की सरकार ने 6 लाख से अधिक लोगों को सरकारी नौकरियां दी है जब कि तीन करोड़ से अधिक को ’’वन डिस्ट्रक्टि वन प्रोडक्ट तथा लघु उद्योगों के माध्यम से एक प्रकार से अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार से तथा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से एक करोड़ से अधिक लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन हुआ है।
डा शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी समाज को जोड़ने का काम करती है। सामाजिक विकृतियों की बात करती है। पहले जातीय एवं वर्ण व्यवस्था थी। इस सनातन संस्कृति को किस प्रकार खत्म किया जाय इसके लिए मुगल, अफगान, तुर्क, अंग्रेज आए और उन्होंने अपने प्रयास तेज कर दिए। पहले प्रतिभा के आधार पर नियोजित वर्ण व्यवस्था के आधार पर कार्यों के अनुसार वर्गीकरण किया जाता था। ब्राह्मण शिक्षा कर्मकांड पूजा पाठ का कार्य करता था। जो शौर्यवान थे वाह रक्षा का कार्य करते थे वे क्षत्रिय कहलाए तथा जो व्यापार में प्रवीण थे वे वैश्य कहलाए तथा जो समाज की सेवा का काम करते थे वे शूद्र कहलाए।
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अंग्रेजों ने वर्ण व्यवस्था को तार तार करने का प्रयास किया। उन्होंने जातिगत वर्गीकरण ही नही किया बल्कि जातियों में विभेद पैदा करने का काम किया। यह दिखाने का प्रयास किया कि कौन जाति ऊंची है और कौन जाति नीची है। इसके बहाने से लोगों में विभेद पैदा करने की कोशिश की जब कि हकीकत यह है कि भारत में जाति व्यवस्था नही थी। उन्होंने इस दिशा में चन्द्रगुप्त मौर्य, होलकर, पासी, पाल शासकों के शासनकाल का जिक्र किया।
डा शर्मा ने कहा कि वे यह कहना चाहते हैं कि समाज को विखंडित करने की जगह, उसे संकीर्णता में बांटने की जगह एकता के सूत्र में पिरोने का प्रयास होना चाहिए तभी प्रदेश और देश तरक्की कर सकता है।उन्होंने कहा कि आज जातिगत संकीर्णता से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत है क्योंकि इसी से देश या प्रदेश तरक्की करेगा और लोगों को काम करने का अवसर भी मिलेगा।
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ब्राह्मण देश के कल्याण की भावना रखता है। उनका कहना था कि आज का यह हजारों में उमड़े सैलाब को ब्राह्मण सम्मेलन न कहकर विप्र जन समुद्र कहना उचित होगा, यहां मौजूद लोगों पर देश, समाज एवं संस्कृति को बचाने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। भगवान परशुराम वंशजों के इस सम्मेलन का उद्देश्य समाज को जोड़ना है। उनका कहना था कि राम और परशुराम अलग नही है क्योंकि दोनो ही भगवान विष्णु के अवतार हैं और पूज्यनीय है।आज इस देश केा मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के आचरण की जरूरत है जो अपने प्रत्येक कृत्य से पारिवारिक सांसारिक संदेश देने के साथ देश की रक्षा करने वाले एवं समाज को जोड़ने वाले हैं। ब्राह्मण जाति न होकर श्रेष्ठ जीवन जीने का प्रवाह है। जो सभी के कल्याण की कामना करता है।