नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने छत्तीसगढ़ में कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितताओं से संबंधित कोयला घोटाला मामले में इस्पात मंत्रालय के एक पूर्व अधिकारी को शुक्रवार को दोषी ठहराया।
कोयला घोटाले में यह 14वीं सजा है। विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने इस्पात मंत्रालय के जेपीसी (संयुक्त संयंत्र समिति) के पूर्व कार्यकारी सचिव गौतम कुमार बसाक को विजय सेंट्रल कोल ब्लॉक के आवंटन में भ्रष्टाचार का दोषी ठहराया।
न्यायाधीश 19 अगस्त को बसाक को दी जाने वाली सजा की मात्रा पर दलीलें सुनेंगे।
बसाक को अधिकतम सात साल जेल की सजा हो सकती है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, जनवरी 2007 में कोयला ब्लॉक के लिए आवेदन करने वाली प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड के खिलाफ आरोप लगाया गया था कि उसने अपनी क्षमता के बारे में गलत जानकारी दी थी।
मंत्रालय ने बसाक को आरोप की सच्चाई का पता लगाने का निर्देश दिया था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, इस्पात मंत्रालय के अधिकारी ने 2008 में कंपनी द्वारा किए गए दावों का समर्थन करते हुए एक झूठी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
कंपनी और उसके निदेशक को पहले इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने बरी कर दिया था। उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की अपील फिलहाल उच्चतम न्यायालय में लंबित है।
निचली अदालत में सीबीआई का प्रतिनिधित्व उसके उप कानूनी सलाहकार संजय कुमार ने किया।