Aligarh News : 3400 करोड़ के 43 निवेशकों को उद्योग लगाने के लिए भूमि का इंतजार, तब शुरू होगा काम..

3400 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 43 निवेशक विभिन्न उद्योगों के लिए उद्योग स्थापित करने के लिए तैयार हैं, लेकिन भूमि आवंटन में देरी के कारण उनके प्रोजेक्ट्स शुरू नहीं हो पा रहे हैं। इन निवेशकों ने स्थानीय क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने के लिए अपनी इच्छा जताई थी, लेकिन भूमि मिलने के बाद ही काम शुरू किया जा सकेगा। निवेशकों ने सरकार से भूमि आवंटन की प्रक्रिया तेज करने की अपील की है, ताकि वे जल्द से जल्द अपने उद्योगों की शुरुआत कर सकें। 3400 करोड़ रुपये का निवेश विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर और आर्थिक विकास लाने के लिए महत्वपूर्ण है। भूमि के बिना उद्योगों के काम में देरी हो रही है, जिससे रोजगार और आर्थिक प्रगति में रुकावटें आ रही हैं। यदि यह प्रक्रिया शीघ्र पूरी होती है तो स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और विकास की संभावना बढ़ सकती है।

Aligarh News : 3400 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 43 निवेशक विभिन्न उद्योगों के लिए उद्योग स्थापित करने के लिए तैयार हैं, लेकिन भूमि आवंटन में देरी के कारण उनके प्रोजेक्ट्स शुरू नहीं हो पा रहे हैं। इन निवेशकों ने स्थानीय क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने के लिए अपनी इच्छा जताई थी, लेकिन भूमि मिलने के बाद ही काम शुरू किया जा सकेगा। निवेशकों ने सरकार से भूमि आवंटन की प्रक्रिया तेज करने की अपील की है, ताकि वे जल्द से जल्द अपने उद्योगों की शुरुआत कर सकें। 3400 करोड़ रुपये का निवेश विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर और आर्थिक विकास लाने के लिए महत्वपूर्ण है। भूमि के बिना उद्योगों के काम में देरी हो रही है, जिससे रोजगार और आर्थिक प्रगति में रुकावटें आ रही हैं। यदि यह प्रक्रिया शीघ्र पूरी होती है तो स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और विकास की संभावना बढ़ सकती है।

स्थानीय प्रशासन और सरकारी अधिकारियों से उम्मीद है कि वे जल्दी भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूरी करेंगे, ताकि इन उद्योगों का काम समय पर शुरू हो सके और क्षेत्रीय विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकें। निवेशकों और सरकार के बीच बेहतर समन्वय से भूमि आवंटन और उद्योग स्थापना प्रक्रिया को गति दी जा सकती है, जो आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के इरादे से आयोजित यूपी इंवेस्टर्स समिट में निवेश पर करार करने वाली कई कंपनियों ने जहां काम शुरू कर दिया है वहीं 3400 करोड़ वाले 43 बड़े निवेशक अपने उद्योग लगाने के लिए भूमि का इंतजार कर रहे हैं। इन्हें सरकारी या निजी स्तर पर कुल 785649 स्क्वायर मीटर भूमि (करीब 900 बीघा भूमि) की दरकार है। वहीं प्रशासन का कहना है कि जमीन उपलब्ध कराने के लिए प्रयास हो रहे हैं। जल्द ही भूमि दिलवा दी जाएगी।इन निवेशकों के प्रोजक्ट धरातल पर लाने के लिए उद्योग विभाग को नोडल अफसर बनाया गया है। जिसके द्वारा सभी निवेशकों की विभागीय समस्याओं को दूर कर उनके प्रोजेक्ट को शुरू कराने में सहयोग करना है। लक्ष्य तय किया गया है कि मार्च 2025 तक अधिक से अधिक निवेशकों के प्रोजेक्ट शुरू करा दिए जाएं।

हमने यहां दवा निर्माण के लिए करार किया था। उम्मीद थी कि सरकारी जमीन आसान किश्तों व सस्ती कीमत में मिलेगी। मगर ऐसा नहीं हुआ। इसलिए छह माह पहले बंगलूरू में सरकारी भूमि मिलने पर अपनी नई इकाई वहां लगाई है। अगर यहां भूमि ख्यामई में विकसित हो रहे इंडस्ट्रीयल एस्टेट में मिलेगी तो अपनी इकाई लगाएंगे। हमने टूरिज्म क्षेत्र से अपने होटल प्रोजेक्ट के लिए करार किया था। उसके लिए निजी भूमि तलाश रहे हैं। मगर कीमत महंगी होने के कारण जमीन नहीं ले पाए। इसलिए प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो पाया है।
ये वे निवेशक हैं जिन्हें उम्मीद थी कि सरकार से भूमि मिल जाएगी और वह अपनी इकाई लगा लेंगे। मगर ऐसा नहीं है। हां, हम ख्यामई में इंडस्ट्रीयल एस्टेट विकसित कर रहे हैं। मगर उसमें भी इतने लोगों को नियम शर्तों के अनुसार भूमि नहीं दे पाएंगे। इसलिए अब इन्हें खुद निर्णय लेना होगा। जिन उद्यमियों को भूमि की जरूरत है, उन्हें जिले के इंडस्ट्रीयल एरिया में जहां जगह है, वहां वरीयता के आधार पर भूमि दिलवाई जाएगी। बाकी उनकी समस्याओं का भी क्रमवार समाधान कराया जाएगा। जल्द इस दिशा में ठोस कदम उठेंगे।ये हुए थे 55 हजार करोड़ के 496 करार
इंवेस्टर समिट में 55 हजार करोड़ रुपये के निवेश के 496 करार हुए। इनमें एमएसएमई, होर्टिकल्चर, आईटी, एक्सप्रेस वे, यूपीएसआईडीसी, स्वास्थ्य, होटल आदि क्षेत्र के करार थे। जिले में अब तक 6 हजार करोड़ के निवेश के करार वाली 230 इकाइयां शुरू। उनमें उत्पादन शुरू। ये अधिकांश एमएसएमई स्तर की इकाइयां। जिनमें डेयरी, ताला, हार्डवेयर आदि क्षेत्र की इकाइयां शामिल हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Captcha loading...

Back to top button