“व्हाइट हाउस में हुआ अपमान, ट्रंप ने किया डांट…बहस के बाद जेलेंस्की के साथ कौन-कौन थे?”

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ ओवल ऑफिस में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की तीखी बहस हुई. जेलेंस्की के व्हाइट हाउस से बाहर निकलते ही यूक्रेन के लोग जेलेंस्की के समर्थन में आ गए और उन्हें देश के हितों का रक्षक करार दिया. इसी के साथ कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, यूके समेत कई देशों ने भी जेलेंस्की का समर्थन किया है.

अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक कार्यालय में हुई बैठक के दौरान ट्रंप और अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे डी वेंस ने जेलेंस्की से कुछ तीखे सवाल किए और इस दौरान जेलेंस्की थोड़े परेशान दिखे. इस घटना ने मॉस्को में रूसी अधिकारियों को खुश किया होगा और वो इसे अमेरिका और जेलेंस्की के संबंधों को खत्म करने वाली घटना के तौर पर देख रहे होंगे. बहरहाल, यूक्रेन के लोग शुक्रवार को जेलेंस्की और ट्रंप के बीच हुई तीखी बहस को लेकर अपने राष्ट्रपति के साथ खड़े दिखे. उन्होंने कहा कि जेलेंस्की ने देश की गरिमा और हितों के लिए आवाज उठाई.

ट्रंप और जेलेंस्की के बीच हुई तीखी बहस के बाद कई देश अब जेलेंस्की के समर्थन में आ गए हैं.

स्लोवेनिया
बेल्जियम
आयरलैंड
ऑस्ट्रिया
कनाडा
रोमानिया
क्रोएशिया
फिनलैंड
एस्तोनिया
लातविया
नीदरलैंड
फ्रांस
लक्समबर्ग
पुर्तगाल
स्वीडन
जर्मनी
नॉर्वे
चेक रिपब्लिक
लिथुआनिया
मोलदोवा
स्पेन
पोलैंड
यूके
ईयू ब्लॉक
साथ ही इटली ने शिखर सम्मेलन का आह्वान किया.

यूक्रेन ने किया समर्थन
कीव में सेवानिवृत्त 67 वर्षीय नतालिया सेरहिएन्को ने कहा कि उन्हें लगता है कि यूक्रेन के लोग वाशिंगटन में अपने राष्ट्रपति के रवैये से सहमत हैं, क्योंकि जेलेंस्की ने शेर की तरह लड़ाई लड़ी है. उनके बीच तीखी, बहुत तीखी बातचीत हुई लेकिन जेलेंस्की यूक्रेन के हितों की रक्षा कर रहे हैं. शुक्रवार की रात यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर दो ड्रोन के हमले के बाद, रूस की सीमा पर स्थित इस क्षेत्र के प्रमुख ओलेह सिनीहुबोव ने जेलेंस्की की तारीफ की. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति इस बात पर अड़े रहे कि भविष्य में रूसी आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन की सुरक्षा के आश्वासन के बिना कोई शांति समझौता नहीं किया जा सकता.

सिनीहुबोव ने कहा, हमारे नेता दबाव के बावजूद यूक्रेन और यूक्रेनवासियों के हितों की रक्षा को लेकर संकल्पित हैं. हमें सुरक्षा की गारंटी और न्यायपूर्ण शांति चाहिए. कीव के निवासी 37 वर्षीय आर्टेम वसीलीव ने कहा कि उन्हें लगता है कि ओवल ऑफिस में बातचीत के दौरान अमेरिका ने पूरी तरह अनादर दिखाया, जबकि तथ्य यह है कि यूक्रेन पहला देश है जो रूस के सामने खड़ा हुआ है. वसीलीव ने कहा, हम लोकतंत्र को बचाने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हमें अपने योद्धाओं, अपने सैनिकों और अपने देश के लोगों के प्रति पूर्ण अनादर झेलना पड़ रहा है.

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