अमेठी की नमो ड्रोन दीदी नाम से मशहूर अंजना यादव को 15 अगस्त के दिल्ली लाल किले पर हो रहे कार्यक्रम का मिला निमंत्रण ‌

देशभर से चयनित 75 लखपति ड्रोन दीदी में अमेठी की अंजना यादव भी शामिल हैं

अमेठी। नारी शक्ति की नई पहचान बनी अमेठी की नमो ड्रोन दीदी नाम से मशहूर अंजना यादव को 15 अगस्त के मौके पर लाल किले पर होने वाले ध्वजारोहण कार्यक्रम का न्योता मिला है , देशभर से चयनित 75 लखपति ड्रोन दीदी में अमेठी की अंजना यादव भी शामिल हैं, 15 अगस्त को दिल्ली के लाल किले पर होने वाले ध्वजारोहण समारोह में हिस्सेदारी कर ऐतिहासिक पल की साक्षी अंजना यादव बनेंगी खुद आत्मनिर्भर बनने के साथ ही अन्य महिलाओं को भी जागरुक करने में जुटी हैं। दिल्ली से बुलावा आने के बाद वह खुशी से झूम उठी

ड्रोन दीदी के नाम से मशहूर हो चुकीं अंजना यादव को 15 अगस्त को लाल किले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में बुलाया गया है, इस बुलावे से वह बेहद खुश हैं और समारोह में शिरकत की तैयारियों में जुटी हैं. जिले के बाजारशुक्ल क्षेत्र के गयासपुर गांव की अंजना यादव समाज शास्त्र से पोस्ट ग्रेजुएट हैं, उनके पति श्याम कुमार शिक्षक हैं. उनकी चार साल की एक बेटी भी है. अंजना ने बताया कि उनके पास अमेठी जिला प्रशासन व लखनऊ से एक फोन आया था कि उनको 15 अगस्त को देश की राजधानी दिल्ली में लाल किले पर होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह में जाना है. यह जानकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

कहा- अब तक का सबसे गौरवशाली क्षण
अंजना ने बताया कि वह हमेशा से समाज के लिए कुछ अलग करने की चाहत रखती हैं. राष्ट्रीय ग्रामीण स्वरोजगार मिशन से जुड़कर उनका चुनाव ड्रोन दीदी के लिए किया गया. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली के लाल किले पर बुलाया जाना उनके लिए अब तक का सबसे गौरवशाली क्षण है. उन्होंने बताया कि इससे पहले भी एक बार प्रधानमंत्री उनका उत्साहवर्धन कर चुके हैं. 11 मार्च को दिल्ली में पूरे देश भर से ड्रोन दीदियों को बुलाया गया था, जिसमें उन्होंने अमेठी जिले का प्रतिनिधित्व किया था. कार्यक्रम के दौरान स्टेज पर प्रधानमंत्री ने उनसे ड्रोन संचालन के बारे में कुछ देर बात की थी. जिसमें प्रधानमंत्री ने ड्रोन संचालन को लेकर लोगों का उत्साह, संचालन के दौरान आने वाली चुनौतियां, रिपेयरिंग आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की थी. ड्रोन दीदी ने बताया कि इस कार्यक्रम से जुड़ने के बाद ही उन्हें सबसे बेहतर महसूस हुआ है. राधे-राधे स्वयं सहायता समूह के माध्यम से उन्होंने ड्रोन कार्यक्रम के लिए आवेदन किया था. जिसमें प्रशिक्षण के बाद उन्हें ड्रोन, जनरेटर व तीन बैट्री मिली है. स्थानीय स्तर पर ड्रोन के संचालन उनका परिवार भी लगातार प्रोत्साहित कर रहा है।

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