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सोमवार तीन नए कानूनों के लागू होने का पहला दिन था। दोपहर तीन बजे सिविल लाइंस थाने में थाना प्रभारी संदीप मिश्रा अपने कार्यालय में फाइलें निपटा रहे थे। थाना परिसर में टीनशेड के नीचे बैठे इंस्पेक्टर अवध बिहार और बालेंद्र कुमार शिकायतें सुन रहे थे।
इसी दौरान एक महिला थाने पहुंची और मुंशी को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। मुंशी तहरीर लेकर इंस्पेक्टर अवध बिहारी के पास पहुंचा और बोला सर इस तहरीर में क्या-क्या धाराएं लगेंगी। तहरीर तो साधारण मारपीट की थी लेकिन मुंशी के साथ ही इंस्पेक्टर भी धाराएं लगाने में उलझ गए।
नए कानून के तहत धाराएं लगाने के लिए उन्होंने नए कानून की किताब के पन्ने पलटने लगे। धाराएं ढूंढकर डायरी में नोट किया। सिविल लाइंस थाने का यह मामला केवल एक बानगी भर है। जनपद के सभी थानों में ये ही नजारा देखने को मिला।
दूसरे थानों में केस दर्ज होने का इंतजार करते रहे कई थाना प्रभारी
एक जुलाई से तीनों नए कानून लागू हो गए थे लेकिन कई थाना प्रभारी दूसरे थानों में केस दर्ज होने का इंतजार करते रहे। कटघर थाने में पहला मुकदमा दर्ज होने के बाद जनपद के अन्य थानों में भी केस दर्ज किए गए।
पहले दिन ही थाने से महिला को लौटा दिया
सिविल लाइंस क्षेत्र में रहने वाली एक महिला सोमवार सुबह थाने पहुंची। थाने में नए कानून में महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए सख्त कानून की चर्चा हो रही थी लेकिन इस महिला की तहरीर पर केस दर्ज नहीं किया गया।
महिला ने बताया कि कुछ लोग उसे लंबे समय से परेशान कर रहे हैं। वह कहीं जाती है तो उसका पीछा करते हैं। महिला के पति ने इसका विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की। 26 जून को घर में घुसकर महिला के साथ मारपीट की गई। पुलिस ने जांच करने के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन देकर उसे थाने से लौटा दिया।
इन थानों में पहले दिन दर्ज नहीं हुए केस
तीन कानून लागू होने के बावजूद भी जनपद के कई थानों में पहले दिन केस दर्ज नहीं किए गए। नागफनी, गलशहीद, मुगलपुरा, महिला थाने, मूंढापांडे, कांठ, भोजपुर, भगतपुर, ठाकुरद्वारा, मैनाठेर में दर्ज दर्ज नहीं हुए हैं। हालांकि पूरे दिन इन थानों में नए तीन कानूनों और धाराओं को लेकर चर्चा होती रही।