रायवाला। रायवाला के हरिपुरकलां में एक पनीर निर्माणशाला पर शनिवार को एफडीए की टीम ने छापा मारा। वहां एसिटिक एसिड और पाम आयल से पनीर निर्माण होता पाया गया। संदिग्ध खाद्य पदार्थो का पांच नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है।
सभी संदिग्ध मिलावटी खाद्य पदार्थ मौके पर ही नष्ट
जिला अभिहित अधिकारी पीसी जोशी ने बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की संयुक्त टीम ने पनीर प्लांट पर छापामारी की। मौके पर पनीर बनाने में उपयोग किया जा रहा 80 किलो आरारोट, 60 किलो ऐसेटिक एसिड व 20 लीटर पाम आयल बरामद हुआ।
कारोबारी पंकज त्रिपाठी ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए सभी संदिग्ध मिलावटी खाद्य पदार्थ को मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। इससे पूर्व सभी संदिग्ध खाद्य पदार्थों के नमूने जांच के लिए भरे गए।
टीम में उपायुक्त खाद्य संरक्षा गढ़वाल मंडल आरएस रावत, देहरादून के अभिहित अधिकारी पीसी जोशी, हरिद्वार के अभिहित अधिकारी एमएस जोशी, वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश सिंह, खाद्य सुरक्षा अधिकारी विपिन जैन, दिलीप जैन, बलवंत सिंह चौहान, एफडीए विजिलेंस से संजय नेगी एवं योगेंद्र नेगी शामिल रहे।
यात्रा मार्ग पर मिलावटी खाद्य पदार्थों का कारोबार
चार धाम यात्रा मार्ग पर प्रशासन की नाक के नीचे खाद्य पदार्थों में मिलावट का खेल चल रहा है। शनिवार को हरिपुरकलां में पनीर बनाने के प्लांट में बड़ी मात्रा में पकड़े गए नकली पनीर ने इसकी सच्चाई उजागर कर दी। यह पनीर यात्रा मार्ग पर स्थित होटल ढाबों में सप्लाई हो रहा था।
सूत्रों की मानें तो न केवल पनीर बल्कि, दूध, मसाले और मिलावटी चावल भी धड़ल्ले से सप्लाई हो रहा है। यात्रा मार्ग पर खाद्य पदार्थों की मांग ज्यादा है, जिसकी पूर्ति नकली व मिलावटी सामान से की जा रही है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने पहले ही इसके लिए लगातार जांच अभियान चलाने के निर्देश दिए हुए हैं। चार धाम यात्रा को चलते करीब दो महीने का वक्त बीत गया।
मगर अधिकारियों की नजर में सिर्फ एक प्रतिष्ठान आ सका जो नकली पनीर बनाने के कारोबार में संलिप्त था। जबकि हरिद्वार से रायवाला के बीच में एक दर्जन से ज्यादा प्रतिष्ठान मिलावटी सामान के कारोबार में संलिप्त है। जिनकी जांच हो जाए तो हकीकत सामने आ सकती है।