महाकुंभ-2025 से काशी और अयोध्या को जोड़ने की कवायद चल रही है। महाकुंभ के दौरान रोजाना 50 से 60 स्पेशल ट्रेनें चलेंगी। ट्रेनों के सफल संचालन के लिए रनिंग कर्मचारियों की सूची बनाई जा रही है। स्पेशल ट्रेनों के जरिये श्रद्धालुओं को प्रयागराज, काशी के साथ ही अयोध्या भी पहुंचाया जाएगा।
रेलवे अफसरों का मानना है कि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु काशी और अयोध्या भी जाना चाहेंगे। उस हिसाब से उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की ओर से तैयारियां चल रही हैं। लखनऊ डीआरएम एसएम शर्मा ने परिचालन अधिकारियों और रनिंग कर्मचारियों से वाराणसी में मुलाकात करते हुए महाकुंभ के बाबत तैयार रहने पर भी जोर दिया है। सुरक्षा और संरक्षा अधिकारियों संग भी बैठक हुई है।
महाकुंभ में दुनिया भर के श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचते हैं। महाकुंभ में पहुंचने वाले अधिकतर श्रद्धालु काशी में भी श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन और गंगा आरती में शामिल होते हैं। सड़क, रेल मार्ग के जरिये इन श्रद्धालुओं की आवाजाही अधिक होती है।
इस लिहाज से ट्रेनों पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है कि यात्रियों को कोई असुविधा न हो। उत्तर रेल अधिकारियों के अनुसार प्रयागराज, काशी आने वाले श्रद्धालु इस बार बड़ी संख्या में अयोध्या श्रीराम मंदिर भी जाएंगे। इसलिए प्रयागराज, काशी और अयोध्या के बीच ट्रेनों की संख्या भी बढ़ाए जाने की तैयारी है।
लखनऊ और प्रयागराज रूट की महाकाल एक्सप्रेस में बढ़ेंगे चार-चार जनरल कोच
महाकाल एक्सप्रेस में पहली बार जनरल कोच बढ़ाए जा रहे हैं। काशी से लखनऊ और प्रयागराज रूट से आवाजाही करने वाली महाकाल एक्सप्रेस में चार-चार जनरल कोच बढ़ गए हैं।
ट्रेन संख्या 20414/20413 वाराणसी-इंदौर एक्सप्रेस (लखनऊ के रास्ते) 25 और 25 जून को चार-चार जनरल कोच लगेंगे। वहीं, 20415/20416 वाराणसी-इंदौर महाकाल एक्सप्रेस (प्रयागराज के रास्ते) 30 जून और एक जुलाई को चार-चार जनरल कोच लगेंगे। काशी-महाकाल के बीच यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए डीआरएम लखनऊ की पहल पर यह कोच बढ़ाए गए हैं।
काशी महाकाल एक्सप्रेस में अब बिना आरक्षण करें सफर
महाकाल की नगरी उज्जैन जाने वाली काशी महाकाल एक्सप्रेस में अब बिना आरक्षण के भी सफर किया जा सकेगा। इसके लिए रेलवे पहली बार इस ट्रेन में जनरल श्रेणी के चार कोच लगाएगा। यह ट्रेन (20143) हर मंगलवार और गुरुवार को वाराणसी से लखनऊ होकर इंदौर तक जाती है, जबकि रविवार को यही ट्रेन (20415) प्रयागराज के रास्ते उज्जैन होते हुए इंदौर के लिए प्रस्थान करती है।
काशी महाकाल एक्सप्रेस का संचालन पहले आईआरसीटीसी करती थी, लेकिन बाद में यह ट्रेन आईआरसीटीसी ने जोनल रेलवे को दे दी। जनरल कोच नहीं होने से यात्रियों को काफी दिक्कत होती थी। मंगलवार को वाराणसी से लखनऊ होते हुए गई ट्रेन में पहली बार जनरल श्रेणी के चार को लगाए गए।
रविवार को यह ट्रेन प्रयागराज होते हुए जाएगी, तो उसमें चार जनरल कोच यात्रियों के लिए उपलब्ध होंगे।इसमें अब कोच की संख्या 20 हो जाएगी। एनसीआर के सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि मंगलवार को पहली बार इस ट्रेन में सामान्य श्रेणी के कोच लगाए गए।