कई वन ग्राम और जंगल किनारे स्थित राजस्व ग्रामों के ग्रामीण रहे मौजूद।
मिहीपुरवा बहराइच- वन अधिकार आंदोलन की मासिक बैठक को सम्बोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने कहा कि तहसील- मोतीपुर के अंतर्गत सुजौली थाना क्षेत्र के ग्राम रामपुर रेतिया के वन निवासियों की भूमि पर उत्तर खीरी वन प्रभाग के धौरहरा रेंज के अधिकारियों के द्वारा जबरन पेड़ लगाने के लिए गड्ढे खोदे जा रहे हैं,और विरोध करने पर वन निवासियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। जबकि उनके गांव में वन अधिकार कानून के तहत मान्यता और सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है।इस प्रकार वन विभाग के द्वारा वन अधिकार कानून के प्रावधानों का सरासर उल्लंघन किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि एक बार फिर बाढ़ और कटान की समस्या चहलवा,बड़खडिया, जंगल गुलरिहा तथा सुजौली के दर्जनों गांवों के सामने खड़ी है, और फिर घाघरा नदी द्वारा बड़े पैमाने पर कृषि योग्य भूमि का कटान होने की संभावना है। लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मूक दर्शक बने हुए हैं।
बिछिया निवासी मीरा देवी ने कहा कि जिन लोगों को वन अधिकार कानून 2006 के तहत अधिकार पत्र मिल चुका है उन्हें मोतीपुर तहसील द्वारा खतौनी दिए जाने में राजस्व विभाग द्वारा जानबूझकर देरी की जा रही है। खतौनी बन गई है लेकिन उसे अपलोड नहीं किया जा रहा है। बैठक की अध्यक्षता करते हुए शंकर सिंह ने कहा कि वन अधिकार कानून 2006 के तहत जो भी लोग दावेदारी करने से शेष रह गए हैं, उन्हें तत्काल अपने गांव की वन अधिकार समिति में अपनी पत्रावली साक्ष्य सहित जमाकर देनी चाहिए। महबूबनगर से वन अधिकार आंदोलन के प्रतिनिधि रामचंद्र ने कहा कि महबूबनगर के राजस्व ग्राम में परिवर्तन हो जाने के बाद भी जिला पंचायत राज अधिकारी परिवार रजिस्टर जारी करने के मामले में बहाने बनाए जा रहे हैं। वन अधिकार आंदोलन के पूर्व अध्यक्ष सूर्य देव ने कहा कि एक बड़े आंदोलन की जरूरत है तभी समस्याओं का हल हो पाएगा।
बैठक में भवानीपुर ,बिछिया टेडिया ,ढकिया, गोकुलपुर महबूबनगर, रामपुर रेतिया, तुलसी पुरवा आदि गांवों के वन अधिकार आंदोलन से जुड़े प्रतिनिधि मौजूद रहे।