लोक निर्माण विभाग के बिल ग्राम कार्यालय परिसर में पड़े मुख्यमंत्री के शिलापट

हरदोई जिले में सत्ताधारी दल के प्रदेश प्रवक्ता से लेकर कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों के सम्मान को ठेस पहुंचाने की घटनाओं के बीच लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने तो सारी हदें ही पार कर दीं। नेताओं, कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों को छोड़िए विभाग के अफसरों ने तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक का मान नहीं रखा।

विभिन्न विकास कार्यों के शिलान्यास के मुख्यमंत्री के शिलापट मौके पर लगवाने के बजाए विभागीय कार्यालय के एक स्थान पर डलवा दिए। विकास कार्यों की मंजूरी के बाद निर्माण कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण करने की परंपरा है। कुछ वर्ष से लोकार्पण और शिलान्यास सामूहिक रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करते हैं।
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जिन कार्यों का शिलान्यास या लोकार्पण होता है। उनके शिलापट जिले के संबंधित विभागों को भेज दिए जाते हैं। इसके बाद विभागों की जिम्मेदारी होती है कि शिलापटों को संबंधित कार्यस्थल पर स्थापित करा दें। अफसोस कि हरदोई के लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शिलापटों तक का कोई मान नहीं है।

कहीं शिलापट उल्टे रखे हैं, तो कहीं सीधे
बीते छह माह में भी विभागीय अधिकारियों को मुख्यमंत्री के शिलापटों को लगाने के लिए न तो समय मिला और न ही स्थान। लोक निर्माण विभाग के खंड-दो का मुख्यालय बिलग्राम में है। बिलग्राम कार्यालय परिसर में ही मुख्यमंत्री के शिलापट रखे हैं। कहीं शिलापट उल्टे रखे हैं, तो कहीं सीधे। विभागीय कर्मचारी इन्हीं के सहारे अपनी साइकिलें भी आए दिन टिका देते हैं।
27 शिलापट रखे हैं, बीती दो नवंबर को हुआ था शिलान्यास

लोक निर्माण विभाग के खंड दो के कार्यालय परिसर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 27 शिलापट रखे हैं। यह सभी शिलापट बिलग्राम मल्लावां विधानसभा क्षेत्र में मंजूर हुए निर्माण कार्यों के शिलान्यास के हैं। खास बात यह है कि इन शिलापटों में क्षेत्रीय विधायक आशीष सिंह आशू और मिश्रिख के सांसद अशोक रावत का नाम भी दर्ज है, लेकिन शिलापट संबंधित स्थानों पर न लगे होने की जानकारी इन्हें भी नहीं है।

मेरे संज्ञान में अब तक नहीं था। अगर ऐसा है तो यह शर्मनाक है। अधिशासी अभियंता की बेपरवाही को उजागर करता है। शासन में इस मामले को ले जाऊंगा। -आशीष सिंह आशू, विधायक

माननीय मुख्यमंत्री के शिलापट को लेकर इस तरह की जानकारी मेरे पास नहीं थी। अब पता चला है तो इसके लिए जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई के लिए न सिर्फ शासन को लिखेंगे बल्कि यहां से भी कार्रवाई करेंगे। शिलापटों को ससम्मान संंबंधित स्थानों पर लगवाया जाएगा। -एमपी सिंह, डीएम, हरदोई

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