बाजपुर (ऊधम सिंह नगर)। एक तरफ नारी सशक्तिकरण की बात होती है, महिलाओं के सम्मान की बात होती है और दूसरी तरफ हमारा सिस्टम ही इन दावों की बखिया उधेड़ता है।
बाजपुर के उप जिला चिकित्सालय में गर्भवती महिला की सावधानी के साथ डिलीवरी कराने के बजाय संवेदनहीनता दिखाई गई। उसे अस्पताल में भर्ती न कर बाहर एक मेज पर लेटा दिया गया। हालत बिगड़ने के बावजूद किसी ने नहीं सुनी तो मेज पर ही महिला का प्रसव हो गया।
महिला के पति ने सरकारी अस्पताल में इस गंभीर लापरवाही की शिकायत की है। उसने नर्स और आशा कार्यकर्ता को इसके लिए जिम्मेदार बताया है। शिकायत के बाद सीएमएस ने जांच कराने व दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की बात कही है।
सीएमएस को शिकायती पत्र दिया
ग्राम लखनपुर निवासी विशाल ने सीएमएस को शिकायती पत्र देकर कहा है कि 19 जून शाम छह बजे उसकी गर्भवती पत्नी की तबीयत खराब हुई थी। आशा कार्यकर्ता के माध्यम से उप जिला चिकित्सालय ले जाया गया। जांच के बाद पत्नी को बाहर मेज पर लेटा दिया। अनुरोध के बावजूद आशा कार्यकर्ता उसे अस्पताल में छोड़कर अपने घर चली गई। रात में पत्नी की तबीयत बिगड़ी।
कई बार नर्स को बुलाया, लेकिन कोई नहीं आया। जिससे गर्भवती महिला की बाहर मेज पर लेटे हुए ही डिलीवरी हो गई। इतना ही नहीं डिलीवरी के दौरान पत्नी दर्द से कराहती रही, मगर फिर भी किसी को तरस नहीं आया। कुछ देर बाद आशा कार्यकर्ता व नर्स आई तो उन्हें स्थिति के बारे में बताया गया, मगर उन्होंने भी संवेदना नहीं दिखाई।
विशाल ने यह भी आरोप लगाया है कि आशा कार्यकर्ता नवजात को लेकर बाहर आ गई और बिना पूछे ही उसे एक प्राइवेट अस्पताल में ले जाकर जीवन रक्षक प्रणाली में रखवा दिया। जबकि नवजात स्वस्थ था।
मामला संज्ञान में आया है। सरकारी अस्पताल में बाहर मेज पर ही डिलीवरी होना गंभीर विषय है। पूरे प्रकरण की निष्पक्षता के साथ जांच करवाई जा रही है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- पीडी गुप्ता, सीएमएस, उप जिला चिकित्सालय बाजपुर