- अस्पताल में एक्स-रे रूम में एक्सरा में जमकर की जा रही धांधलेबाजी की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से लिखित शिकायत
लखनऊ- राजधानी के बीकेटी में साढ़ामऊ स्थित रामसागर मिश्र सौ शैय्या अस्पताल में एक्स-रे रूम में एक्सरा में जमकर धांधलेबाजी की जा रही है। यहां लड़ाई झगड़े वाले मरीजों के एक्स-रे कराने में लोग बर्बाद हो रहे हैं।यहां बिना रुपए लिए टूटी हड्डी भी जुड़ी हुई दिखाई जाती है और मोटी रकम लेने के बाद बिना चोट के भी हड्डी तोड़ फर्जी रिपोर्ट तैयार कर दी जाती है। जिससे निर्दोषों को बेवजह सलाखों के पीछे पुलिस को भेजना पड़ रहा है। यह आरोप हम नहीं लगा रहें हैं, यह आरोप गुरुवार को बीकेटी थानाक्षेत्र के अंतर्गत राजापुर इंदौरा की गीता पत्नी मुकेश कुमार ने लगाते हुए अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से लिखित शिकायत करते हुए कहीं।गीता ने अपने शिकायतीपत्र में कहा कि गत दिनों मेरे दो परिवारों में आपसी मारपीट के मामले में बीकेटी पुलिस ने मेडिको लीगल के लिए रामसागर मिश्रा सौ शैय्या अस्पताल भेजा था। लेकिन मेडिकोलीगल कराने गई उषा पत्नी उमाशंकर उर्फ़ मन्नालाल के परिवारीजनों ने एक्सरे डार्क रूम असिस्टेंट गिरीश कुमार मिश्रा के साथ मिलकर पहले सुलह समझौते का दवाव बनाया व न मानने पर गिरीश कुमार मिश्रा द्वारा हाथ टूटा दिखाने की धमकी दी। गीता ने यह भी कहा कि जबकि लड़ाई झगड़ा वाले दिन से लेकर आज तक भिन्न – भिन्न तिथियों के वीडियो सबूत के रूप में मौजूद है जिसमे विपक्षी ऊषा कभी खेत मे पानी लगाती व कभी अन्य भारी भरकम कार्य करती है। जिससे प्रतीत होता है कि विपक्षी को ऐसी कोई चोट नहीं आई है। गीता ने अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को लिखित शिकायत करते हुए विपक्षी उषा का किये गए मेडिकल की दोबारा जांच किए जाने की मांग की है, जिससे कि प्रार्थिनी के विरुद्ध मेडिको लीगल का गलत प्रयोग न किया जा सके।
बता दें कि बीकेटी सर्किल में लड़ाई झगड़े के अगर एक दिन में एक चार मुकदमे दर्ज हों तो यह साफ है, कि 90 फीसदी मुकदमा रामसागर मिश्र सौ शैय्या अस्पताल के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर फर्जी डाक्टरी रिपोर्ट के आधार पर पुलिस मुकदमा दर्ज करने को मजबूर हो रही है। पुलिस के सामने बंदिश है कि डाक्टरी रिपोर्ट को चैलेंज नहीं कर सकती। इसी तरह का खेल पिछले कई महीनों से रामसागर मिश्र सौ शैय्या अस्पताल के एक्स-रे रूम में खेला जा रहा है। यहां मेडिकोलीगल कराने आये व्यक्ति से उसकी चोट नही पूंछी जाती बल्कि उसकी जेब के दम के बारे में कर्मचारी पूंछते है। अगर सौदा पटता है तो चोट हो या न हो धाराओं में खेल कर दिया जाता है।अगर रुपये नहीं हो तो गोली लगे हुए व्यक्ति की रिपोर्ट में छर्रे तक गायब हो जाते हैं। जिला अस्पताल में तैनात डाक्टर सिर्फ एक्सरे में तैनात कर्मचारियों की बात पर ही रिपोर्ट लगाते हैं। जिसका पैसा डाक्टर तक पहुंच जाता है उसको बिना चोट की रिपोर्ट बनायी जाती है। जिसका चार जगह से हाथ टूटा हो तो उसकी हड्डी में फैक्चर तक नहीं आता है।
इनका कहना है
उक्त प्रकरण में लिखित शिकायत मिली है।मामले में टीम गठित कर प्रकरण की जांच कराई जायेगी। जांच में दोषी पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
डा. पुष्पलता कनौजिया
मुख्य चिकित्सा अधिकारी
रामसागर मिश्र सौ शैय्या अस्पताल
साढ़ामऊ बीकेटी