सीतापुर। तहसील क्षेत्र में विभिन्न क्षेत्रों में अवैध अस्पताल व क्लीनिकों की भरमार है, उक्त क्रम में रखौना चौराहे से मार्केट तक दर्जनों अवैध मेडिकल क्लीनिक संचालित है । जिनकी शिकायते स्थानीय लोगों द्वारा परसेंडी अधीक्षक से कई बार की जा चुकी है। यहीं पर एक अवैध क्लीनिक है उसके संचालक झोलाछाप मोहम्मद आलम हैं। इनके द्वारा हर मर्ज की दवा की जाती है ।ऐसा ही एक प्रकरण विगत पंद्रह दिन पहले का है ।जहां पर एक गांव के मरीज का इनके द्वारा इलाज किया गया था इलाज करने के बाद उसकी हालत एकदम से गंभीर हो गई। जिसमे मरीज के परिजनों से इनका विवाद हो गया था फिर वो लोग अपने मरीज को लेकर वहां से चले गए थे। जिसकी जानकारी अधीक्षक परसेंडी को दी गई थी। परन्तु उनके द्वारा कोई कार्रवाई नही की गई। कोई डिग्री नही कोई डिप्लोमा नही उसके बाद भी इतनी बेबाकी से इलाज करना मतलब किसी की मौत जिंदगी से डॉक्टर साहब का कोई मतलब नहीं है। लोगों द्वारा प्राप्त सूचना पर जब वहां देखा गया तो झोलाछाप मोहम्मद आलम द्वारा एक महिला को इंजेक्शन लगाया जा रहा था पूछने पर आलम द्वारा बताया गया की रखौना में मेरे जैसे एक दर्जन से ज्यादा डॉक्टर है। अब इससे यह साफ हो जाता है की स्वास्थ विभाग के अधिकारियों द्वारा सटीक सूचना पर भी कोई कार्रवाई नही की जाती है। झोलाछापों का कहर रखौना ही नही बल्कि हर गांव हर चौराहे पर है मेवा रामनगर नहर पुल पर भी एक दर्जन से अधिक अवैध मेडिकल व क्लीनिक है जहां मेडिकल व क्लीनिक संचालक मेराज का बहुत नाम है । योगी जी के शासन में व्यवस्था चुस्त दुरुस्त होने के बाद भी परसेंडी अधीक्षक आंख कान बंद किए हुए सो रहे हैं।उन्हे सूचना मिलने के बाद भी उनकी लापरवाह कार्यशैली विचारणीय विषय है